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हम दलालों की सलाह कैसे देते हैं

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भ्रष्टाचार के आरोपों पर जीतू पटवारी का नरोत्तम मिश्रा को चैलेंज, कहा- जांच के लिए तैयार

गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने पूर्व की कमलनाथ सरकार पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए, तो पलटवार करते हुए कांग्रेस नेता जीतू पटवारी ने किसी भी तरह की जांच करवाने की खुली चुनौती दे दी है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि, अगर जांच ही करवानी है तो सिर्फ 15 महीने की नहीं, बल्की 15 साल की करवाई जाए.

भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा है कि, हम विधि विशेषज्ञों से सलाह ले रहे हैं, कि इस मामले की जांच कैसे कराएं. गृहमंत्री के इस बयान पर पलटवार करते हुए पूर्व मंत्री व कांग्रेस नेता जीतू पटवारी ने कहा है कि, जैसी जांच कराना हो, जिससे कराना हो, हम तैयार हैं. पहले भी इस तरह के कदम उठाए गए हैं, लेकिन कुछ नहीं मिला है. जीतू पटवारी ने कहा कि, जांच करानी है तो, बीजेपी के 15 साल के कार्यकाल से लेकर अभी तक की करवाई जाए.

पटवारी ने मिश्रा को दिया चैलेंज

नरोत्तम मिश्रा के आरोपों का जवाब देते हुए जीतू पटवारी ने कहा है कि, 'नरोत्तम मिश्रा उस सरकार के गृह मंत्री हैं. जिस सरकार ने बनते ही मंत्रियों की कमेटी बनाई थी और कहा था कि, मंत्रियों का यह समूह पिछली सरकार में हुए घपले घोटालों की जांच करेगा. फिर मुकदमे किए जाएंगे. दोषियों को जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाया जाएगा. मैं मानता हूं कि, हेडलाइन बनाना अलग बात है. क्योंकि आप चुनकर सरकार में आ गए हैं. लेकिन आपका दायित्व है कि, सकारात्मक मध्य प्रदेश बनाएं'.

उन्होंने कहा, 'नरोत्तम मिश्रा को मेरी सलाह है कि, सकारात्मक, समृद्ध मध्यप्रदेश बनाएं. बच्चियों के बलात्कार, महिलाओं पर हो रहे अत्याचार, मध्यप्रदेश में हत्या और अपराध पर रोक आपका दायित्व है, उसको निभाना चाहिए. कांग्रेस आपका सहयोग करना चाहती है. जहां तक भ्रष्टाचार की बात है, आप स्वतंत्र हैं. कांग्रेस की आपको चुनौती है कि, जब चाहे, जैसे चाहे, जांच कराएं.

कर्ज के दल-दल में डूब रहा प्रदेश

पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने कहा कि, हम मांग करते हैं कि, विधानसभा का सत्र जल्दी से बुलाया जाएं. मध्य प्रदेश की आर्थिक स्थिति कोविड-19 की भयावह समस्याओं को लेकर आगे बढ़ा जाए. सरकार आएंगी-जाएंगी, मंत्री बनेंगे, मुख्यमंत्री बनेंगे, चले जाएंगे. सरकार प्रदेश को कर्ज में डुबो रही है. आने वाली पीढ़ियों का क्या होगा. यह प्रश्न हमारे सामने है. प्रदेश के सामने है. यहां के युवाओं के सामने हैं. नरोत्तम मिश्रा उस पर बात करें.

क्या है नरोत्तम मिश्रा का आरोप ?

गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कांग्रेस और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ पर निशाना साधते हुए कहा था कि, 'हम पहले से ही कह रहे थे कि, ये सदी की सबसे भ्रष्ट सरकार है. वल्लभ भवन को दलालों का अड्डा बना दिया था. ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इसलिए अपने आप को दूर किया था. बोली लग रही थी कि, कौन कितनी उगाही करेगा. अब समझ में आया कि, खजाना खाली क्यों है. महिला एवं बाल विकास विभाग के कुपोषण का पैसा कांग्रेस ने राहुल बाबा के कुपोषण को दूर करने में लगाया. समाज कल्याण का पैसा गांधी वेलफेयर में जमा हो रहा था. कमलनाथ ने जिस तरह से गरीबों का पैसा लूटा मोहम्मद गजनवी की याद आ गई. गरीबों का पैसा लूट कमलनाथ ने जघन्य अपराध किया है'. उन्होंने कमलनाथ से पूछा कि, यह वर्गीज कौन है ? मध्य प्रदेश की सरकार इस मामले में जांच कराने के लिए विधि विशेषज्ञों से सलाह लेगी.

दलाल स्ट्रीट से पैसा कमाने के लिए ट्रेडर्स इन बातों का जरूर रखें ध्यान

17,450 से 17,300 को प्रमुख सपोर्ट के रूप में देखा जा रहा है और कमजोरी का पहला संकेत तभी देखा जाएगा, जब हम उससे नीचे खिसकेंगे.

  • Money9 Hindi
  • Updated On - October 4, 2021 / 12:27 PM IST

दलाल स्ट्रीट से पैसा कमाने के लिए ट्रेडर्स इन बातों का जरूर रखें ध्यान

बीते सप्ताह के दौरान हमने एक सकारात्मक नोट पर शुरुआत की, लेकिन इसमें फॉलोअप बाइंग की कमी थी, क्योंकि यह एक्सपायरी वीक था और जैसा कि हमें 18,000 अंक के मनोवैज्ञानिक लेवल के आसपास रखा गया था. फिर हमने उछाल के बीच में धीरे-धीरे गिरावट देखी और आखिरकार 17,500 के स्तर के आसपास 1.80% की घाटे के साथ खत्म हुआ. इसके परिणामस्वरूप, निफ्टी की अपनी वीकली जीत का सिलसिला खत्म हो गया.

नेगेटिव डाइवरजेंस के साथ गहरे ओवरबॉट टेरेटरी में RSI स्मूथेड ऑसिलेटर की नियुक्ति को देखते हुए हम सितंबर महीने की दूसरी छमाही के दौरान सतर्क थे. बीते सप्ताह के दौरान हम इसकी एक झलक देख चुके हैं लेकिन बहुत कुछ नहीं बदला है. हम सतर्क रहते हैं और हमें लगता है कि किसी भी उछाल को 17,800-17,950 के आसपास कड़ी बाधा का सामना करना पड़ सकता है. जबकि दूसरी ओर, 17,450 – 17,300 को प्रमुख समर्थन के रूप में देखा जाता है और कमजोरी का पहला संकेत तभी देखा जाएगा जब हम उसी से नीचे खिसकेंगे. इसके अलावा, हमने भारत VIX में भी इजाफा देखा है जो दर्शाता है कि अस्थिरता हाई स्तर पर रहने की संभावना है.

भले ही बेंचमार्क सप्ताह के दौरान कम फिसल गया, हमने देखा कि व्यापक मार्केट अपनी चर्चा के साथ जारी रहा और इंडेक्स के बाहर कई बेहतर प्रदर्शन के अवसर देखे गए. व्यापारियों को स्टॉक-विशिष्ट ट्रेडों पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी जाती है, हालांकि उन्हें समय पर लाभ बुक करना चाहिए.

स्टॉक की सलाह

बाटा इंडिया | खरीदें | स्टॉप लॉस- Rs 1,760 | टारगेट प्राइज: Rs 1,978

अप्रैल महीने में 1,260 के स्तर के आसपास बनाए गए स्विंग लो के बाद, स्टॉक की कीमतें लगातार ऊंचे स्तर के गठन के साथ बढ़ी हैं. ऐसे में हर डिप में बिकवाली हो रही थी और बीते हफ्ते में भी ऐसा ही देखने को मिला. एक छोटे से कंसोलिडेशन के बाद डेली चार्ट पर, कीमतों ने एक ‘सिमिट्रिकल ट्राइंगल’ ब्रेकआउट की पुष्टि करते हुए ऊपर की ओर कंसोलिडेशन को तोड़कर अपट्रेंड को फिर से शुरू कर दिया है.

कंसोलिडेशन फेज के दौरान वॉल्यूम एक्टिविटी सूख गई थी, हालांकि तेजी से ब्रेकआउट के साथ हम एक बड़ी वृद्धि देख सकते हैं. इसके अलावा, हम RSI स्मूथेड ऑसिलेटर में 50 स्तरों के औसत के आसपास एक ताजा खरीद क्रॉसओवर भी देख रहे हैं, जो बुल्स के लिए अच्छा संकेत है. उपरोक्त सभी हालातों को देखते हुए, हम इस काउंटर में एक मजबूत बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद करते हैं और हम दलालों की सलाह कैसे देते हैं निकट अवधि में 1,978 रुपए के लक्ष्य के लिए मौजूदा स्तरों पर खरीदारी करने की सलाह देते हैं. स्टॉप लॉस को 1,760 रुपए पर रखा जाना चाहिए.

डॉ. रेड्डी लैब्स | खरीदें | स्टॉप लॉस: Rs 4,780 | टारगेट प्राइज: Rs 5,320

जुलाई महीने के दौरान हमने स्टॉक की कीमतों में भारी गिरावट देखी, हालांकि यह गिरावट हाल ही में 4116 से 5589 के स्तर पर देखी गई. रैली के 78.6% रिट्रेसमेंट के आसपास पकड़ में आ गई. बीते कुछ महीनों में, हमने धीरे-धीरे इजाफा देखा है स्टॉक की कीमतें और डेली चार्ट पर हायर बॉटम का गठन भी. स्टॉक की कीमतें अब लगभग एक बुलिश कप एन हैंडल ब्रेकआउट की पुष्टि करने की कगार पर हैं और मोमेंटम ऑसिलेटर आरएसआई स्मूथेड का प्लेसमेंट प्री-एम्प्टीव खरीद का समर्थन करता है. कीमतें भी 89EMA और 200SMA के ऊपर बंद हुई हैं, यह दिखलाता है कि मीडियम और लॉन्गटर्म नेचर सकारात्मक हो गई है. बीते सप्ताह के दौरान हमने कई फार्मा शेयरों का बेहतर प्रदर्शन देखा और फार्मा इंडेक्स ने तेजी से ‘इनव हेड एन शोल्डर’ ब्रेकआउट को कंफर्म किया है. इन तमाम फैक्ट्स के आधार पर, हमें लगता है कि इस फार्मा हैवीवेट के बेहतर प्रदर्शन की संभावना है और इसलिए हम 5320 रुपए के शॉर्ट टर्म टारगेट के लिए मौजूदा स्तरों पर खरीदारी करने की सलाह देते हैं. स्टॉप लॉस को 4780 रुपए पर रखा जा सकता है.

(लेखक एंजल वन लिमिटेड में टेक्निकल एनालिस्ट हैं. ये उनके निजी विचार हैं.)

ओटी के बाहर तक दलालों का कब्जा

केजीएमयू में ऑपरेशन थिएटर के बाहर तीमारदारों को बेचा जा रहा सर्जरी का सामानएनबीटी स्टिंग नियमानुसार केजीएमयू में ऑपरेशन के दौरान जरूरी सामान शासन .

केजीएमयू में ऑपरेशन थिएटर के बाहर तीमारदारों को बेचा जा रहा सर्जरी का सामान

नियमानुसार केजीएमयू में ऑपरेशन के दौरान जरूरी सामान शासन से मिलने वाले बजट से उपलब्ध करवाया जाना चाहिए। कोई सामान न होने पर तीमारदार से मंगवाया जा सकता है। केजीएमयू में स्थित मेडिकल स्टोर या अमृत फार्मेसी से सामान लेने की सलाह दी जानी चाहिए, वहां काफी हम दलालों की सलाह कैसे देते हैं छूट मिलती है। हकीकत कुछ और ही है। ऑपरेशन थियेटर तक दलालों की पहुंच के कारण ज्यादातर सामान ही तीमारदारों से मंगवाया जा रहा है। ओटी के बाहर खड़े तीमारदार को सामान की लिस्ट देते ही दलाल घेर लेते हैं। कई बार खुद कर्मचारी या गार्ड ही दलालों के पास भेज देते हैं। हकीकत जानने के लिए गुरुवार को केजीएमयू के कई विभागों की ओटी का जायजा लिया गया। तकरीबन सभी जगह दलालों की सेंधमारी उजागर हुई। इतना नहीं पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग में केजीएमयू के एचआरएफ फंड से संचालित होने वाले मेडिकल स्टोर का संचालक ही दलालों से सामान मंगवाकर मरीजों को देता पाया गया। पूरे खेल का खुलासा करती जीशान हुसैन राईनी की रिपोर्ट।

डॉक्टरों की मिलीभगत : एक मेडिकल स्टोर संचालक ने बताया कि ऑपरेशन के सामान पर डॉक्टरों को कमिशन नहीं बल्कि गिफ्ट दिए जाते हैं। इसके बदले में दुकान से जुड़े लोगों को ओटी तक आने-जाने दिया जाता है। एक दलाल ने भी माना कि डॉक्टरों की सेटिंग के बिना ओटी तक पहुंचना संभव नहीं है।

\Bरिपोर्टर : हम दलालों की सलाह कैसे देते हैं हम दलालों की सलाह कैसे देते हैं आपके मरीज को क्या हो गया है ?

तीमारदार : पीलिया हो गया था। ऑपरेशन हो रहा है।

रिपोर्टर : सर्जरी का सामान कहां से लिया ?

तीमारदार : एक डीलर ने यहीं लाकर दे दिया।

रिपोर्टर : मुझे भी जरूरत है, सामान लाने वाला कहां मिलेगा ?

तीमारदार : ओटी के बाहर ही खड़ा रहता है। मुझे भी यही मिला था। बीस प्रतिशत छूट भी हम दलालों की सलाह कैसे देते हैं देता है।

रिपोर्टर : डॉक्टर ने कहा था डीलर से सामान लेने के लिए‌‌?

तीमारदार : नहीं, डॉक्टर ने सिर्फ पर्चा दिया था।

रिपोर्टर : रुपये पहले लेते हैं या बाद में ?

तीमारदार : सामान लाकर देने के बाद रुपये लिए थे। 12 प्रतिशत जीएसटी भी लेते हैं।

रिपोर्टर : पक्का बिल देते हैं ?

तीमारदार: कच्चा बिल दिया है। कहा था पक्का बिल लेने पर सामान वापस नहीं होगा।

\Bरिपोर्टर : आपके मरीज को क्या हुआ?

तीमारदार : भतीजे का एक्सिडेंट हो गया था, ऑपरेशन होना है।

रिपोर्टर : सामान कहां से खरीदा?

तीमारदार : चौक की निजी पैथॉलजी से ब्लड मंगाया था। सर्जरी का सामन भी वहीं के कर्मचारी ने पहुंचा दिया।

रिपोर्टर : डिस्काउंट भी दिया है?

तीमारदार: डिस्काउंट तो नहीं दिया है, लेकिन यहां लाकर दे दिया तो डिस्काउंट क्या मांगते।

रिपोर्टर : मुझे भी मरीज की सर्जरी करवानी है। सामान कैसे मंगवाएं?

तीमारदार: नंबर ले लीजिए। चौक में ही मेडिकल स्टोर है, यहां भी हम दलालों की सलाह कैसे देते हैं सामान पहुंचा देंगे।

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रिपोर्टर : किसकी सर्जरी हो रही है?

तीमारदार : मेरे एक महीने 13 दिन के बच्चे आंतें चिपक गई हैं, उसी का ऑपरेशन होना है।

रिपोर्टर : सामान की लिस्ट मिली?

तीमारदार: नहीं, ओटी से कोई निकला था। बताया नीचे मेडिकल स्टोर पर जाओ, सूची ऑनलाइन भेज दी गई है।

रिपोर्टर : तो विभाग के मेडिकल स्टोर पर ही सारा सामान मिल गया?

तीमारदार : सामान था ही नहीं। संचालक ने बाहर के किसी मेडिकल स्टोर से सामान मंगवाकर दिया। 2150 रुपये का सामान मिला बाकी 3500 रुपये का बाहर से मंगवाकर दिया।

तीमारदार : नहीं, बिल मांगने पर कहा-पहले सर्जरी करवाओ बाद में देंगे।

रिपोर्टर : आपने मेडिकल स्टोर संचालक से कहा था कि जो सामान नहीं है उसे हम खुद ले लेंगे ?

तीमारदार: खुद ही करने लगा कि हम मंगवाए दे रहे हैं, पैसे दे देना। हमारे पास सूची भी नहीं थी।

प्लास्टिक सर्जरी \B

रिपोर्टर : किसकी सर्जरी होनी है ?

तीमारदार : मेरी बच्ची के हाथ का ऑपरेशन होना है।

रिपोर्टर : सामान कहां से लिया है?

तीमारदार : ओटी के बाहर ही सामान मिल गया, यहीं रुपये दे दिए। आप क्यों पूछ रहे हैं ?

रिपोर्टर: मुझे भी सामान मंगवाना है। जिससे आपने मंगवाया उससे संपर्क कैसे हुआ?

तीमारदार : ओटी के बाहर बैठा गार्ड मेडिकल स्टोर का नंबर दे देगा।

रिपोर्टर : अगर किसी और से सर्जरी का सामान ले तों ?

तीमारदार: नहीं ले सकते। सर्जरी का सामान तो यहीं से लेना होगा। बाद की दवाएं आप खुद ले सकते हैं।

रिपोर्टर: ऐसा क्यों कह रही हैं?

तीमारदार: अरे पहले भी एक ऑपरेशन करवा चुकी हूं। सब सेटिंग होती है, कमिशन का खेल है।

\Bप्लास्टिक सर्जरी विभाग के गार्ड से बात

\Bरिपोर्टर: भैया, कल सर्जरी होनी है सामान कहां से लें ?

गार्ड: एक नंबर दे रहा हूं उसी पर कॉल करो, यहीं सामान दे जाएगा।

रिपोर्टर: दवाएं भी हम दलालों की सलाह कैसे देते हैं देगा ?

गार्ड: नहीं, सिर्फ सर्जरी का सामान सप्लाई करता है। दवाइयां बाहर से खरीद लेना।

सैनिक स्कूल की प्रवेश परीक्षा पास कराने के नाम पर सक्रिय हुए दलाल, 5 से 15 हजार रुपए में इंट्रेंस निकलवाने का दावा

cbse exam 2020,

सतना (सोनेलाल कुशवाहा). हैलो. आपके बेटे ने सैनिक स्कूल में प्रवेश के लिए परीक्षा दी है। उसे कम अंक मिले हैं। ऐसे में एडमिशन नहीं हो पाएगा। आप कुछ खर्च करेंगे तो हम उसे यह परीक्ष पास करा सकते हैैं। एडमिशन की भी पूरी गारंटी है। कुछ ऐसे ही कॉल सैनिक स्कूल की प्रवेश परीक्षा देने वाले विद्यार्थियों के परिजनों के पास आ रहे हैं।

सैनिक स्कूल में प्र्रवेश दिलाने के नाम पर दलाल सक्रिय हो चुके हैं। गिरोह के सदस्य अलग-अलग नंबर से कॉल करते हैं और ख्ुाद को सैनिक स्कूल सोसायटी का मेम्बर बताते हुए पांच से १५ हजार रुपए में प्रवेश परीक्षा पास कराने का दावा करते हैं। कुछ ऐसा ही एक कॉल शुक्रवार को शिक्षा विभाग में पदस्थ एक अधिकारी के पास आया। उनके बेटे ने भी सैनिक स्कूल की प्रवेश परीक्षा दी है। ८५८३०९२६९३ नंबर से उन्हें कॉल करने वाले शख्स ने अपना नाम अमिया रंजन बेहरा बताया।

कहा, आपके बेटे ने सैनिक स्कूल में परीक्षा दी है लेकिन ३ नंबर कम पड़ रहे हैं। पांच हजार रुपए खर्च करेंगे तो पास करा देंगे। उन्होंने पूछा कि कौन बोल रहे हैं, कैसे पास कराएंगे तो दलाल कुछ भी बताने से मना कर दिया। यह बातचीत दोपहर ३ बजे हुई। इसके बाद शाम ५ बजे के करीब उसी नंबर से दोबारा कॉल आया। इस बार राशि जमा करने के लिए बैंक खाता नंबर २०१९३५९२८० व आईएफसीआई कोड एसबीआईएन ०००६२२९ उपलब्ध कराया गया। इस बात की जानकारी सैनिक स्कूल प्रबंधन को भी है। लिहाजा, ऐसे किसी कॉल पर भरोसा न करने की सलाह दी जा रही है।

30 नंबर के लिए मांगे 15 हजार
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र माधवगढ़ में पदस्थ एक कर्मचारी के बेटे ने भी सैनिक स्कूल की प्रवेश परीक्षा दी है। दो दिन पहले उन्हें भी कॉल कर बताया गया कि आपके बेटे के ३० नंबर कम पड़ रहे हैं। १५ हजार तक खर्च करेंगे तो प्रवेश परीक्षा पास करा दी जाएगी। उन्होंने व्यक्तिगत मिलकर रुपए देने की बात कही तो दलाल ने मिलने से मना कर दिया। बोला कि रुपए खाते में ही जमा कराने होंगे।


प्रबंधन ने जारी किया अलर्ट
मामले मेंं जब पत्रिका रिपोर्टर ने सैनिक स्कूल प्रबंधन से जानकारी चाही तो पहले एक-दूसरे पर मामला टाला जाता रहा। काफी प्रयास के बाद वाइस प्रिंसिपल ने बात की। उन्होंने बताया कि इस तरह की कुछ शिकायतें मिली हैं। विद्यालय के नोटिस बोर्ड में सूचना चस्पा कर परीक्षार्थियों को अलर्ट किया गया है कि ऐसे फेक कॉल पर बिल्कुल भी भरोसा न करें। उन्हें इसके लिए मेल भी किए जा रहे हैं। यह भी दावा किया कि सैनिक स्कूल की प्रवेश परीक्षा ऑल इंडिया लेवल पर होती है। इसकी मॉनीटरिंग रक्षा मंत्रालय के अधीन आने वाली सैनिक स्कूल सोसायटी करती है। लिहाजा, कोई भी गड़बड़ी संभव नहीं।

सैनिक स्कूल के टीचर को भी झांसा
रुपए लेकर प्रवेश परीक्षा पास कराने का दावा करने वाले गिरोह ने सैनिक स्कूल के एक शिक्षक को भी निशाना बनाने की कोशिश की। सैनिक स्कूल रीवा के एक टीचर ने भी बेटे को प्रवेश परीक्षा दिलाई थी। जालसाज ने उन्हें भी फोन कर नंबर बढ़वाने का दावा किया था जबकि उस समय मूल्यांकन प्रक्रिया ही शुरू हुई थी लेकिन शिक्षक ने अपना परिचय देते हुए एक के बाद एक सवाल किए तो जालसाज ने फोन काट दिया।

पत्रिका से हुई बातचीत के अंश
सवाल: पता चला है कि आप प्रवेश परीक्षा पास कराते हैं?
जवाब: हां, लेकिन आपका बेटा पढऩे में कैसा है। आपको नंबर कैसे मिला।
सवाल: क्या करना पड़ेगा?
जवाब: हो जाएगा, यहां सीटें हंै। बस कुछ खर्च करना पड़ेगा।
सवाल: कितना खर्चा लगेगा?
जवाब: नंबर के हिसाब से तय होगा। बेटे का नाम बताइए। दो नंबर तक कम रहेगा, तो पांच हजार में हो जाएगा। पांच नंबर तक १० हजार लगेगा। नंबर ज्यादा कम होंगे तो नहीं हो पाएगा।
सवाल: कितने नंबर तक करा सकते हैं?
जवाब: हमें पांच से छह नंबर तक बढ़वाने का अलाऊ है। इससे ज्यादा के लिए हम लोग काम नहीं करते। हिंदी में कम होगा तो कर सकते हैं, लेकिन मैथ में संभव नहीं।
सवाल: रजकजी आपसे मिलना हो तो सैनिक स्कूल में मिल जाएंगे?
जवाब: नहीं, हम दलालों की सलाह कैसे देते हैं हम सैनिक स्कूल में नहीं मिल सकते। रखते हैं।
सवाल: तो मुलाकात कहां होगी?
जवाब: ठीक है बाबू, अभी टाइम नहीं, रखते हैं और फोन काट दिया।
सावधान रहें
प्रवेश परीक्षा की व्यवस्था सेंट्रलाइज है। मूल्यांकन भी सैनिक स्कूल सोसायटी की निगरानी में होता है। गड़बड़ी संभव नहीं है। साइबर फ्रॉड करने वालों से सावधान रहना चाहिए।
वाइस पिं्रसिपल, सैनिक स्कूल

फैक्ट फाइल
05 जनवरी को हुई थी परीक्षा
4010 छात्रों ने ६वीं कक्षा के लिए दी थी परीक्षा
2445 छात्रों ने ९वीं कक्षा के लिए दी थी परीक्षा
85 विद्यार्थियों का होना है चयन

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