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ब्रोकरेज क्या होता है

ब्रोकरेज क्या होता है

क्या मैं स्टॉक ब्रोकर के बिना भारत के शेयर बाजार में निवेश कर सकता हूं? [2022] | Can I Invest Without Stock Broker in Hindi?

अगर आप भी शेयर मार्किट में निवेश करते हैं और यह जानना चाहते हैं की क्या हम बिना ब्रोकर के शेयर मार्केट में जुड़ सकते हैं? अगर हाँ तो कैसे? तो यह ब्लॉग पोस्ट सिर्फ आपके लिए ब्रोकरेज क्या होता है है इसे पढ़ने के बाद आपके सभी सवालों का जवाब आपको आसानी से मिल जाएगा – Can I Invest Without Stock Broker in Hindi?

आप बिना ब्रोकर के भी शेयर बाजार में निवेश कर सकते हैं और आप यह कैसे कर सकते हैं कि हम आपको इस लेख द्वारा समझाएंगे “क्या मैं ब्रोकर के बिना शेयर बाजार में निवेश कर सकता हूं?”

अधिकतर, आपने दलालों के माध्यम से शेयर खरीदे थे, है ना? और क्या होगा अगर आपको पता चले कि आप ब्रोकर की भागीदारी से शेयरों में निवेश या खरीद भी कर सकते हैं।

चलिए विस्तार से जानते हैं कैसे?

Table of Contents

क्या मैं स्टॉक ब्रोकर के बिना भारत में शेयर बाजार में निवेश कर सकता हूं? – Can I Invest Without Stock Broker in Hindi?

कोई भी व्यक्ति जो भारतीय शेयरों में निवेश करना चाहता है, शेयर खरीदने या बेचने के लिए सीधे शेयर बाजारों में नहीं जा सकता है। स्टॉक की खरीद-बिक्री स्टॉक ब्रोकर्स के माध्यम से करनी होती है। ब्रोकरेज क्या होता है ब्रोकरेज क्या होता है यह ऑनलाइन (जैसे Groww) या ऑफलाइन हो सकता है।

स्टॉक ब्रोकर एक व्यक्ति या वित्तीय संस्थान होता है, जिसे सेबी द्वारा शेयर बाजारों में व्यापार करने के लिए लाइसेंस और अधिकृत किया जाता है। शेयर बाजार तक उनकी सीधी पहुंच भी है। वे कंपनियों के शेयर लेनदेन में आपके एजेंट के रूप में कार्य कर सकते हैं।

एक स्टॉकब्रोकर स्टॉक, डिबेंचर, सरकारी बॉन्ड और सूचीबद्ध संपत्ति ट्रस्ट और गैर-सूचीबद्ध निवेश विकल्पों पर सलाह जैसी अतिरिक्त सेवाएं भी दे सकता है। प्रदान की गई सेवाओं के लिए, स्टॉकब्रोकर ब्रोकरेज शुल्क लेते हैं।

साथ ही, एक स्टॉकब्रोकर आपके निवेश पोर्टफोलियो की योजना बना सकता है, उसे लागू कर सकता है और उसकी निगरानी कर सकता है, शोध कर सकता है और शेयर बाजारों में आपके रिटर्न को अनुकूलित करने में आपकी मदद कर सकता है।

अगर आप बिना स्टॉक ब्रोकर के शेयर मार्किट में निवेश करना चाहते हैं तो आप ग्रो (Groww) जैसे ऑनलाइन इन्वेस्टिंग प्लेटफार्म का सहारा ले सकते हैं, जो की आपसे ना के बराबर शुल्क चार्ज करते हैं।

डीमैट खाते के साथ स्टॉक में निवेश कैसे करें?

भारतीय शेयर बाजारों में निवेश करने के लिए ट्रेडिंग और डीमैट खाता होना अनिवार्य है।

पहला कदम एक स्टॉकब्रोकर चुनना है।

इसके बाद, एक डीमैट और एक ट्रेडिंग खाता खोलें जिसमें स्टॉक इलेक्ट्रॉनिक रूप से आपके पोर्टफोलियो से जुड़े होंगे।

ट्रेडिंग खाता आपके बैंक खाते के समान है, जिसे स्टॉक ब्रोकर के साथ खोलने की आवश्यकता होती है। इस खाते का उपयोग शेयर बाजारों में ऑर्डर देने यानि स्टॉक खरीदने या बेचने के लिए किया जाता है।

एक डीमैट खाता वह होता है जहां स्टॉक को डीमैट रूप ब्रोकरेज क्या होता है में रखा जाता है (यानी निवेशकों द्वारा प्रमाण पत्र के भौतिक कब्जे के बजाय इलेक्ट्रॉनिक रूप से)। जब आप अपने ट्रेडिंग खाते के माध्यम से स्टॉक खरीदते या बेचते हैं तो स्टॉक प्राप्त करना या स्थानांतरित करना आवश्यक होता है।

ट्रेडिंग/डीमैट खाता खोलने के लिए इन चरणों का पालन करें:

  • BSE और NSE के साथ पंजीकृत स्टॉक ब्रोकर से संपर्क करें
  • KYC फॉर्म भरें
  • आवश्यक दस्तावेज संलग्न करें: पहचान प्रमाण और पते का प्रमाण
  • खाता खोलते समय पैन कार्ड प्रस्तुत करें
  • उस बैंक खाते का एक रद्द किया गया चेक जिसे आप अपने ट्रेडिंग खाते से लिंक करना चाहते हैं और आपकी हाल की पासपोर्ट आकार की तस्वीरें अपलोड करें

यदि आप उपरोक्त सभी मानदंडों को पूरा करते हैं, तो अपने आप को भारतीय शेयर बाजार में निवेश करने से न रोकें।

हमेशा याद रखें कि निवेश का निर्णय बाजार के उतार-चढ़ाव या उसकी अटकलों पर आधारित नहीं होना चाहिए। इसलिए, किसी कंपनी में केवल इसलिए निवेश करने से बचें क्योंकि किसी विशेष कंपनी के शेयर की कीमतें तेजी से बढ़ रही हैं या कीमत बहुत कम है और आप इसके बढ़ने की उम्मीद करते हैं। डेटा-समर्थित निर्णय लें।

भारतीय शेयर बाजारों में निवेश करने की न्यूनतम आयु क्या है? – Minimum Age to Invest in Share Market in Hindi?

जैसे भारत के शेयर बाजारों में निवेश करने के लिए कोई आयु प्रतिबंध नहीं है।

डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट बनाने के लिए आपकी उम्र सिर्फ 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए। अपना डीमैट और ट्रेडिंग खाता खोलने के लिए पैन कार्ड होना जरूरी है और आप केवल तभी पैन कार्ड ब्रोकरेज क्या होता है के लिए आवेदन कर सकते हैं जब आपकी आयु 18 वर्ष या उससे अधिक हो।

नाबालिगों/18 साल से कम उम्र के लिए शेयर बाजार में निवेश

यदि आपकी आयु 18 वर्ष से कम है, तब भी डीमैट और ट्रेडिंग खाते खोलना संभव है। आप अपने अभिभावक के दस्तावेज जमा करके ऐसा कर सकते हैं।

आप नैसर्गिक अभिभावकों (जैसे माता-पिता) या अदालत द्वारा नियुक्त अभिभावक द्वारा नाबालिग के नाम पर ब्रोकरेज में डीमैट और ट्रेडिंग खाता खोल सकते हैं।

सभी आवश्यक दस्तावेजों को सत्यापित करने के बाद, डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट आपको भारतीय शेयर बाजारों में व्यापार करने की अनुमति देगा।

क्या कोई छात्र भारत में शेयर बाजारों में निवेश कर सकता है?

हां। यदि छात्र की आयु 18 वर्ष से अधिक है, तो उसे नियमित निवेशक के रूप में माना जाएगा। अगर वह नाबालिग है तो नाबालिगों के लिए नियम लागू होंगे।

नोट: शेयर मार्किट जोखिमों के अधीन है इसमें इन्वेस्ट करने से पहले खुद की रिसर्च करें और किसी विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

हमें आशा है की यह ब्लॉग पोस्ट पढ़ने के बाद आपके सवाल क्या हम बिना ब्रोकर के शेयर मार्केट में जुड़ सकते हैं? (Can I Invest Without Stock Broker in Hindi) अगर हाँ तो कैसे? इस सवाल का जवाब आपको आसानी से मिल गया होगा।

विकास तिवारी इस ब्लॉग के मुख्य लेखक हैं. इन्होनें कम्प्यूटर साइंस से Engineering किया है और इन्हें Technology, Computer और Mobile के बारे में Knowledge शेयर ब्रोकरेज क्या होता है करना काफी अच्छा लगता है.

Types of Stock Broker In Share Market – पूरी जानकारी हिंदी में

Types Of Stock Broker In Share or Stock Market अर्थात stock broker कितने प्रकार के होते हैं

Types of Stock Broker In Hindi, जी हाँ यदि आप भी शेयर मार्केट में invest करते हैं या फिर invest करने की सोच रहे हैं और शेयर मार्केट को लेकर काफ़ी intrested रहते है तो आज का यह आर्टिकल आपके लिए काफी महत्वपूर्ण होने वाला है।

क्योंकि आप में से ज़्यादातर लोग गूगल में types of stock broker in share market के बारे में search करते रहते हैं।

आज आपको शेयर मार्केट में स्टॉक ब्रोकर कितने प्रकार के होते हैं ? पूरी जानकारी detail में प्राप्त होगी। इसलिए इस आर्टिकल को पूरा जरूर पढ़ें।

Types of Stock Broker In Share or Stock Market In Hindi

  • Floor brokers
  • Commission brokers
  • Jobbers
  • Tarawaniwalas
  • Odd Lot dealers
  • Badliwalas
  • Arbitrageurs
  • Sub-brokers/Remisiers

Types Of Members or Brokers At Stock Exchange In The World

आईये अब Types Of Members or Brokers At Stock Exchange In The World के बारे जानते में हैं।

1. Floor Brokers

ये वो brokers होते है, जो stock market में traders तथा investers के orders को execute करते हैं और अपना छोटा brokerage charge करते है।

2. Commission Brokers

ये brokers अपने ख़ुद के लिए stock की ख़रीद-बिक्री न कर अपने clients के लिए order execute करते हैं और अपना commision चार्ज करते है।

3. Jobbers

ये किसी stock brokers के under में रहकर उसके clients के लिए शेयर buy-sell करते हैं।

4. Subbroker

इन्हें हम Remisiers या authorized person के नाम से जानते हैं। ये किसी एक stock broker के under registered होते है। इनका मुख्य काम main stock broker के लिए Client provide करना है।

इनका मुख्य कमाई का जरिया brokerage sharing होता है। ये AP (Authorised Person) अपने client को सभी प्रकार के services provide करते हैं, जो एक मुख्य stock broker का काम करते है।

5. Tarawaniwala

एक तरवानीवाला दलाल और नौकरीपेशा दोनों के रूप में कार्य कर सकता है। यह निवेशकों के हितों के खिलाफ उनसे अपने नाम पर कम कीमत पर शेयर खरीद सकता है और उन्हीं शेयर को उन्हें उच्च कीमतों पर बेच सकता है।

6. Odd Lot Dealer

ये विषम परिस्थितियों में securities ख़रीदने और बेंचने में विशेषज्ञ होते हैं।

7. Badliwala

ये वो financer होते है, जो carry-over transaction करके business को आगे बढ़ाने का काम करते हैं। ये वित्तपोषित राशि के लिए ब्याज़ लेते हैं।

8. Arbitrageur

इन्हें हम मध्यस्थ के नाम से भी जानते हैं, ये विभिन्न बाजारों में शेयरों की कीमतों पर कड़ी नजर रखते हैं। ये उन बाजारों में शेयर खरीदते हैं, जहां उनकी कीमत कम होती है और उन्हें उन बाजारों में बेचते हैं, जहां उनकी कीमत अधिक होती है।

जैसे – यदि X नाम का एक शेयर बैंगलोर स्टॉक एक्सचेंज में 2,000 रुपये और मद्रास स्टॉक एक्सचेंज में 2,100 रुपये पर है, तो यह मध्यस्थ बैंगलोर स्टॉक एक्सचेंज में शेयर खरीदेगा और उन्हें मद्रास स्टॉक एक्सचेंज में बेच देगा। और यह 100 प्रति शेयर का लाभ मध्यस्थ बन के कमा लेते हैं।

Note :- एक Traders और एक Investor स्टॉक market से brokers से कई गुना पैसा कमाते हैं। यदि आप भी एक investor बनना चाहते हैं तो इस Form को पूरा भरें। Form भरने पर आपको Stock मार्केट में Investment से Trading तक के लिए पूरी तरह से guide जायेगा।

आपको stock मार्केट से जुड़ी guidence तभी मिलेगी, जब आप form को पूरा भरेंगे। Stock Market में आप तभी काम करें, जब आपका इसमें अच्छा Intrest हो।

India Has Only 3 Types Of Brokers

आईये अब India के 3 Types Of Brokers के बारे में जानते हैं। जो कुछ इस प्रकार है :-

1. Bank Based Broker

ये ब्रोकर्स बैंक होते है, इनमे securities बैंक होते है। जैसे – HDFC securities, Axis Bank, Kotak Securities

2. Full Service Broker

जिसमे आपको full service मिलती है, उसको फुल सर्विस ब्रोकर कहते हैं। जो हमें tips, research, high brokerage, offline branches आदि के बारे information provide कराता है। जैसे – Sherkhan, Motilal Oswal, Angel Broking इत्यादि।

3. Discount Broker

इन ब्रोकर्स में आपको कम ब्रोकरेज में अच्छी सर्विस provide कराई जाती है। इसमें आपको कम brokerage में trading की सुविधा मिलती है, लेकिन अन्य सुविधा नहीं मिलती।

Conclusion

उम्मीद है कि आपको types of stock broker in share or stock market के बारे में जानकर अच्छा लगा होगा। अगर फिर भी आपको इस आर्टिकल को लेकर कोई भी doubts है तो हमें कमेंट लिख सकते हैं। हम आपके द्वारा पूछे गए queries के answers देने की पूरी कोशिश करेंगे।

ब्रोकरेज क्या होता है

Pune, Maharashtra, India: देखा जाए तो शेयर बाजार में ज़्यादातर निवेशक नयी पीड़ी के लोग है जो पहली बार इन्वेस्ट कर रहे है, और कुछ ऐसे भी है जो छोटे शहरों से पहली बार निवेश कर रहे है। इसके वजह से किफायती सेवाओं की ज़रूरत बढ़ी है। डिस्काउंट ब्रोकर्स को इससे फायदे हुए है। उनकी सेवाएं इन सारी ज़रूरतों को पूरा करती है और निवेशक भी इसका लाभ उठा रहे हैं।

निपुण और असरदार सेवाएं

इन अनेक स्टॉकब्रोकरों की भीड़ में अपनी अलग पहचान बना रहा है बजाज फाइनेंशियल सिक्यूरिटीज़ ब्रोकरेज क्या होता है लिमिटेड बिएफएसएल (BFSL)। बिएफएसएल बजाज फाइनेंस लिमिटेड की 100% सब्सिडियरी है जिसके पास एक अनोखा ब्रोकिंग मॉडल है जो निवेशकों के लिए न सिर्फ ट्रेडिंग आसान बनाता है पर किफायती दरों पर ब्रोकरेज और एमटीएफ (MTF) की सेवा भी देता है।

निवेशक बिएफएसएल (BFSL) के साथ इक्विटी ट्रेडिंग (डिलीवरी और इंट्राडे), डेरिवेटिव ट्रेडिंग और मार्जिन ट्रेडिंग फाइनेंसिंग (MTF) का लाभ उठा सकते हैं। अपने रिटेल ऑनलाइन ग्राहकों और HNI / अल्ट्रा HNI ग्राहकों को अच्छे फाइनेंशियल सर्विसेस प्रदान करना इसकी प्राथमिकता है।

बजाज फाइनेंशियल सिक्यूरिटीज़ लिमिटेड सीडीएसएल (CDSL)और एनएसडीएल (NSDL) के साथ रेजिस्टरड है और इक्विटी और डेरिवेटिव्स सेगमेंट के लिए एनएसई (NSE) और बीएसई (BSE) के सदस्य के रूप में पंजीकृत है।

ऐसा क्या है जो बजाज सिक्यूरिटीज़ को सबसे अलग बनाती है?

बजाज फाइनेंशियल सिक्यूरिटीज़ लिमिटेड निवेशकों की सुविधा के लिए सब्सक्रिप्शन प्लान प्रदान करती है। इसके लिए वह अपने निवेशकों की ज़रूरतों को ध्यान में रखती है। उच्च ब्रोकरेज चार्जेस निवेशकों के लिए हमेशा से ही चिंता का विषय रहा है और इसी को मद्दे नज़र रखते हुए कंपनी ने "बजाज प्रिवेलेज क्लब" के नाम से एक सब्सक्रिप्शन प्लान लॉंच किआ है जो इंडस्ट्री में सबसे किफायती ब्रोकरेज देने वालों में से एक है।

  • सबसे किफायती ब्रोकरेज दरों में से एक - यह प्लान आपको प्रति डिलीवरी, इंट्राडे या एफएंडओ आर्डर के लिए केवल 5 रुपये चार्ज करता है। इसीलिए, बिना टर्नओवर या लॉट की संख्या (फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस में) पर निर्भर किए, प्रति ऑर्डर केवल 5 रुपये चार्ज किया जाएगा।
  • मार्जिन ट्रेड फाइनेंसिंग (MTF) - बजाज प्रिवेलेज क्लब के सब्सक्राइबर्स के लिए एमटीएफ (MTF) रेट्स केवल 9.25% प्रति वर्ष है जो भारत में सबसे किफायती ब्याज दरों में से एक है।

मार्जिन ट्रेड फाइनेंसिंग एक ऐसी सुविधा है जहां इन्वेस्टर बस मार्जिन अमाउंट दे कर ट्रेड कर सकते हैं । बाकि के फंडिंग की ज़िम्मेदारी ब्रोकर की है। पोज़िशन के हिसाब से फंडेड अमाउंट पर ब्रोकर ब्याज चार्ज करते हैं।

जैसे के मान लीजिये, एक इन्वेस्टर को 1 लाख के शेयर्स खरीदने है और एमटीएफ (MTF) के अनुसार उस शेयर के लिए 30% मार्जिन होना ज़रूरी है। ऐसी स्तिथि में इन्वेस्टर सिर्फ 30,000 रुपये देकर शेयर्स खरीद सकते हैं। बाकि के जो 70,000 रुपये बचते है, वह ब्रोकर को देना होता है। इस पोज़िशन को इन्वेस्टर 365 दिनों तक रख सकते है और सही अवसर पाने पर अपने आर्डर को बेच कर मार्किट से निकल भी सकते है। जिस दिन तक पोज़िशन लिया गया था, उसी दिन तक का ब्याज चार्ज किआ जाएगा।

  • इन्वेर्स्टर सपोर्ट - बजाज प्रिवेलेज क्लब के सभी सब्सक्राइबर्स को ट्रेडिंग या ब्रोकरेज क्या होता है एमटीएफ (MTF) ऑर्डर से जुड़ी किसी भी सहायता के लिए समर्पित डीलर डेस्क सपोर्ट मिलता है।

ट्रेडिंग आसान बनाने बजाज फाइनेंशियल सिक्यूरिटीज़ लिमिटेड अपने ग्राहकों अपने कई नयी सेवाएं लेकर आये है। बिएफएसएल (BFSL) की 'वेब ट्रेडिंग' प्लेटफार्म और BFSLTRADE ऐप उपलब्ध है। ऐप का इंटरफ़ेस को समझना बहुत ही आसान है। इस ऐप में इक्विटी, डेरीवेटिव, आईपिओ (IPO) और एनसीडी (NCD) में निवेश करने की सुविधा है। प्लेटफार्म में सुरक्षा का ध्यान रखा गया है ताकि ट्रेडिंग करते समय कोई परेशानी न हो। इसके इलावा लम्बे अवधी के लिए निवेश का प्लान करने वाले निवेशक, पिकराइट (Pickright) के ज़रिए रेडीमेड स्टॉक पोर्टफोलियो बास्केट में निवेश कर सकते है।

बजाज फाइनेंस ग्रुप के मूल्यों को आगे बढ़ाते हुए बजाज फाइनेंशियल सिक्यूरिटीज़ लिमिटेड आज CRISIL द्वारा AAA रेटिंग प्रमाणित है। इनके साथ डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट खोलने की प्रक्रिया 100% ऑनलाइन है।

Investments in securities market are subject to market risk, read all the related documents carefully before investing. Brokerage will not exceed the SEBI prescribed limit. All leveraged intraday positions will be squared off the same day. There is no restriction on withdrawal of unutilised margin amount. As subject to the provisions of SEBI Circular CIR/MRD/DP/54/2017 dated June 13, 2017, and the terms and conditions mentioned in rights and obligations statement issued by the TM. (if applicable). *BFSL is only distributor of this product; These are not exchange traded products and all disputes with respect to the distribution activity, would not have access to exchange investor redressal forum or Arbitration mechanism. BFSL is not a registered Investment Advisory or Research entity. User ब्रोकरेज क्या होता है discretion is required before investing.

ब्याज भी मिलेगा, आसानी भी रहेगी: जिन ब्रोकरेज हाउस के खुद के बैंक हैं, उसमें डिमैट अकाउंट खोलने से होंगे फायदे

अगर आप शेयर बाजार में कारोबार करते हैं यानी शेयरों को खरीदते बेचते हैं तो आपको अपना ट्रेडिंग और डिमैट अकाउंट खोलते समय सावधान रहना चाहिए। आपको चाहिए कि आप उन्हीं ब्रोकरेज हाउसों के पास डिमैट अकाउंट खोलें जिनकी बैंकिंग सेवाएं भी हों। इससे आपको कई फायदे हो सकते हैं।

कई सारे लाभ हैं

एचडीएफसी सिक्योरिटीज के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी (MD CEO) धीरज रेली कहते हैं कि जिन ब्रोकरेज हाउसों के पास बैंकिंग सुविधा है, या उनकी पैरेंट कंपनी के पास बैंकिंग है तो उनमें निवेशकों को डिमैट अकाउंट खोलने के कई सारे लाभ हैं। एक तो फंड को रखने और उसे रिलीज ब्रोकरेज क्या होता है करने की सुविधा होती है। दूसरा आपका पैसा अगर बैंक में है तो उस पर आपको ब्याज भी मिलता है। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के पास खुद बैंक है जो एचडीएफसी बैंक के रूप में है।

निवेशक बैंकिंग वाले ब्रोकरेज हाउस को पसंद करते हैं

आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के पास भी बैंक है। आईसीआईसीआई बैंक इसी ग्रुप का है। आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज का कहना है कि ज्यादातर निवेशक उन ब्रोकरेज हाउसों को पसंद करते हैं जिनकी खुद की बैंकिंग सेवाएं हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि इस तरह के ब्रोकरेज हाउसों का विश्वास का लेवल काफी ज्यादा रहता है। साथ ही कुछ मामलों में इस तरह के निवेशकों का इन्हीं बैंकों के साथ रिश्ता भी रहता है जिससे उन्हें आसानी होती है।

एक्सिस और कोटक के पास भी है बैंकिंग सुविधा

कई सारे ब्रोकरेज हाउस जैसे एक्सिस, कोटक के पास भी बैंकिंग सुविधा हैं। इसके अलावा जिरोधा, अपस्टॉक्स, मोतीलाल ओसवाल जैसे ब्रोकरेज हाउस हैं जिन्हें बैंकों ने प्रमोट नहीं किया है। बाजार के जानकार मानते हैं कि इस समय कुछ ब्रोकरेज हाउसों ने टेक्नोलॉजी या कम ब्रोकरेज के कारण निवेशकों को खींचा जरूर है, पर इसमें निवेशकों का घाटा है।

ब्रोकरेज हाउसों के पास पैसे रखने की जरूरत नहीं

उदाहरण के लिए मान लीजिए आपका डिमैट अकाउंट आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज, एक्सिस बैंक या एचडीएफसी सिक्योरिटीज में है तो आपको इन सिक्योरिटीज के पास पैसे रखने की जरूरत नहीं होती है। इन ब्रोकरेज हाउसों के जो प्रमोटेड बैंक हैं, उसमें आपके जो सेविंग अकाउंट हैं, उसी में पैसे रहेंगे। इस पैसे पर ब्याज भी मिलता रहेगा। फिर जब आपको शेयर खरीदना हो तो आप शेयर खरीद सकते हैं और तब पैसा अकाउंट से कटेगा।

गैर बैंकिंग वाले ब्रोकरेज हाउस में हो सकती है दिक्कत

पर अगर आपका डिमैट अकाउंट जिरोधा में है या किसी और ब्रोकरेज हाउस के पास है, जिनकी खुद की बैंकिंग नहीं है तो आपको किसी बैंक से इनके खाते में पैसा ट्रांसफर करना होगा। इसके बाद आप शेयर खरीद पाएंगे। ऐसे में अगर आपने शेयर नहीं खरीदा और पैसा इन्हीं के पास रहा तो आपको ब्याज भी नहीं मिलेगा। यहां तक कि कुछ मामलों में इनके डिमैट अकाउंट से पैसे ट्रांसफर करने में भी परेशानी होती है।

फोन पे भी शुरू करेगा ब्रोकिंग हाउस

इस समय फोन पे भी ब्रोकिंग बिजनेस शुरू करने की योजना बना रहा है। वह सेबी से लाइसेंस का इंतजार कर रहा है। डिजिटल पेमेंट में भारत में यह दूसरा सबसे बड़ा प्लेटफॉर्म है। वह कोशिश कर रहा है कि उसके पास जो ग्राहक पहले से बने हैं, उन्हें शेयर बाजार में लाए। मार्च में इसने यूपीआई से 1.19 अरब लेन देन को प्रोसेस किया था। इसकी कुल रकम 2.31 लाख करोड़ रुपए थी। यूपीआई बाजार में इसकी हिस्सेदारी 44 पर्सेंट है। गूगल पे ने 95 करोड़ लेन देन प्रोसेस किया था और उसकी हिस्सेदारी 35 पर्सेंट है।

फोन पे फाइनेंशियल ब्रोकरेज क्या होता है सर्विसेस वाला प्लेटफॉर्म बन रहा है

फोन पे अब पूरी तरह से एक विविधीकृत वित्तीय सेवा देने वाला प्लेटफॉर्म बन रहा है। इसने म्यूचुअल फंड में भी कारोबार शुरू किया है। यह आने वाले समय में निवेश और मर्चेंट सेवा भी देने की योजना बना रहा है। फोन पे की टक्कर पेटीएम से है जो पहले से ही सेबी से स्टॉक ब्रोकिंग के लिए मंजूरी पा चुका है। इसने कुछ निवेश उत्पाद भी लांच कर दिया है। पेटीएम 10 रुपए के चार्ज पर ट्रेडिंग की सुविधा देता है।

कई फिनटेक कंपनियां हैं ब्रोकिंग हाउस बिजनेस में

ब्रोकिंग हाउस में पहले से ही फिनटेक कंपनियां आई हैं। इसमें जिरोधा और अपस्टॉक्स जैसे ब्रोकर हाउस इस समय टॉप पर हैं। ये निवेशकों को डिस्काउंट ब्रोकरेज की सेवा देते हैं। भारत का रिटेल निवेश का बाजार अभी भी विकसित नहीं हो पाया है। अभी भी 2 करोड़ भारतीय हैं जो पहली बार निवेशक बन सकते हैं। पिछले 5 सालों की बात करें तो जिरोधा और अपस्टॉक्स ने बाजार में अच्छी हिस्सेदारी अपनाई है। ये 20 रुपए प्रति ट्रांजेक्शन चार्ज लेते हैं चाहे ट्रांजेक्शन की रकम कितनी भी हो। यही कारण है कि निवेशक इन ब्रोकरेज हाउसों की ओर जा रहे हैं।

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