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मूल्य अस्थिरता

मूल्य अस्थिरता
Key Points

कार्यकर्ता गोलमेज सम्मेलन: अस्थिर कार्य के समय में निर्माण शक्ति

NY DIRECT Coalition, जिसमें SEIU 32BJ, द लीगल एड सोसाइटी, मेक द रोड न्यूयॉर्क, न्यूयॉर्क टैक्सी वर्कर्स अलायंस, न्यूयॉर्क नेल सैलून वर्कर्स एसोसिएशन, नेशनल राइटर्स यूनियन और ए बेटर बैलेंस शामिल हैं, ने एक वर्कर्स की मेजबानी की। इस सप्ताह लीगल एड के मैनहट्टन कार्यालयों में गोलमेज सम्मेलन।

प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित श्रमिकों ने गलत वर्गीकृत स्वतंत्र ठेकेदारों के रूप में अपने प्रत्यक्ष अनुभवों को साझा किया और बताया कि कैसे सार्थक कानून उनकी कार्य स्थितियों और जीवन को सकारात्मक रूप से प्रभावित करेगा।

श्रमिक रिपोर्टर किम केली द्वारा संचालित, इस कार्यक्रम ने उन श्रमिकों की आवाज़ को उजागर किया जो न्यूयॉर्क शहर को चलाते हैं। एक नेल सैलून कार्यकर्ता, एक ऐप ड्राइवर, एक डिलीवरी कर्मचारी, एक घरेलू कामगार और अन्य कम वेतन वाले "स्वतंत्र ठेकेदार" सभी ने साझा किया कि यह नौकरी पर कर्मचारी अधिकारों से वंचित होने जैसा है और व्यापक मुद्दे को संबोधित करने के लिए सार्थक कानून की महत्वपूर्ण आवश्यकता व्यक्त की। .

जैसा कि विधायक बहस करते हैं कि किन श्रमिकों के पास कर्मचारी अधिकार और सुरक्षा होनी चाहिए, इस गोलमेज ने स्वयं प्रभावित श्रमिकों से सीधे सुनने का अवसर प्रदान किया।

इस बारे में और जानें कि लीगल एड सोसाइटी कैसी है जरूरतमंद श्रमिकों को आवाज देना.

ऑपरेशन ग्रीन एंड फ्लड

इस Editorial में The Hindu, The Indian Express, Business Line आदि में प्रकाशित लेखों का विश्लेषण किया गया है। इस लेख में ऑपरेशन ग्रीन एंड ऑपरेशन फ्लड तथा इससे संबंधित विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई है। आवश्यकतानुसार, यथास्थान टीम दृष्टि के इनपुट भी शामिल किये गए हैं।

हाल ही में भारत सरकार ने केंद्रीय बजट 2021 पेश करते हुए घोषणा की कि ऑपरेशन ग्रीन (Operation Green) के अंतर्गत टमाटर, प्याज तथा आलू (TOP) के अलावा जल्दी खराब होने वाले 22 और कृषि उत्पादों को शामिल किया जाएगा।

ऑपरेशन ग्रीन को वर्ष 2018 में लॉन्च किया गया था। योजना के अंतर्गत इस बात पर विचार किया गया था कि "ऑपरेशन फ्लड" (Operation Flood- AMUL मॉडल) की तर्ज पर TOP मामले में भी एक वैल्यू चेन का निर्माण किया जाएगा, जिससे उपभोक्ताओं को उचित मूल्य पर कृषि उत्पाद और किसानों को फसल का एक स्थिर मूल्य प्राप्त होता रहेगा।

शुरुआती समय में OG के तीन प्रमुख उद्देश्य थे- कुशल मूल्य शृंखला का निर्माण, व्यापक मूल्य अस्थिरता और फसल बाद के नुकसान को कम करना।

इस योजना के विश्लेषण से पता चला है कि यह अपने उद्देश्यों को प्राप्त करने की दिशा में बहुत पीछे है, इसलिये श्वेत क्रांति की सफलता की कहानी को दोहराने के लिये ऑपरेशन फ्लड मूल्य अस्थिरता से बहुत कुछ सीखना होगा।

ऑपरेशन ग्रीन का उद्देश्य

  • मूल्य अस्थिरता: इसमें भारत की तीन सबसे प्रमुख सब्जियों (TOP) के मामले में व्यापक मूल्य अस्थिरता शामिल होनी चाहिये।
    • टमाटर-प्याज-आलू (Tomatoes-Onions-Potato) तीन बुनियादी सब्जियाँ हैं जो अत्यधिक मूल्य अस्थिरता की स्थिति का सामना करती हैं और सरकार अक्सर किसानों के लिये पारिश्रमिक मूल्य तथा उपभोक्ताओं हेतु सस्ती कीमतों को सुनिश्चित करने के अपने दोहरे उद्देश्यों को पूरा करने में खुद को लाचार पाती है।
    • जब कृषि उत्पादों की भरमार के कारण कीमतें अनियंत्रित हो जाती हैं, तो NAFED को मूल्य स्थिरीकरण के लिये बाज़ार में हस्तक्षेप करना पड़ता है। ऐसे में कृषि उत्पाद अधिशेष क्षेत्रों से कुछ अतिरिक्त आवक की खरीद करके उन्हें प्रमुख खपत केंद्रों में संग्रहीत किया जाता है।
    • इस लक्ष्य को पूरा करने के लिये किसान उत्पादक संगठन (Farmer Producer Organisation- FPO) को सब्सिडी प्रदान करने का प्रावधान है।

    ऑपरेशन ग्रीन बनाम ऑपरेशन फ्लड

    • विजातीय TOP: OG के अंतर्गत प्रत्येक वस्तु का दूध की एकरूपता के विपरीत अपनी अलग विशिष्टता, उत्पादन और खपत चक्र है।
      • TOP सब्जियों की कई किस्में हैं जो विभिन्न जलवायु परिस्थितियों और विभिन्न मौसमों में उगाई जाती हैं, जिससे विपणन हस्तक्षेप (प्रसंस्करण और भंडारण) अधिक जटिल हो जाता है।
      • TOP का ज़्यादातर कारोबार APMC बाज़ारों में होता है, जहाँ इन पर मंडी शुल्क और कमीशन लगाया जाता है, जिससे किसानों को उपभोक्ता के रुपए का एक-तिहाई से भी कम मिल पाता है।

      आगे की राह

      बागवानी क्षेत्र की विपरीत स्थिति दुग्ध क्षेत्र में देखने को मिलती है। ऑपरेशन फ्लड ने भारत के दूध क्षेत्र को बदल दिया और भारत विश्व का सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश बन गया। इस ऑपरेशन की सफलता को दोहराने के लिये निम्नलिखित कदम उठाए जा सकते हैं:

      • अलग नियमन निकाय: दूध के लिये राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (National Dairy Development Board) की तर्ज पर एक अलग बोर्ड होना चाहिये।
      • नियोजित रणनीति: पहला और सबसे महत्त्वपूर्ण बात यह है कि ये परिणाम तीन से चार वर्षों में नहीं प्राप्त होते हैं। ऑपरेशन फ्लड लगभग 20 साल तक चला, इससे पहले दूध की मूल्य शृंखला मूल्य अस्थिरता को दक्षता और समावेशिता के ट्रैक पर रखा गया था।
        • इस प्रकार इस योजना को कम-से-कम पाँच साल का समय दिया जाना चाहिये और पर्याप्त परिणाम प्राप्त करने के लिये इसको जवाबदेह बनाया जाना चाहिये।
        • AMUL मॉडल किसान सहकारी समितियों से दूध की बड़ी मात्रा में खरीद और प्रसंस्करण, फ्लश सीजन (Flush Season) के दौरान मिल्क पाउडर के रूप में अतिरिक्त दूध का भंडारण तथा लीन सीजन (Lean Season) के दौरान इसका उपयोग करने एवं एक संगठित खुदरा नेटवर्क के माध्यम से दूध के वितरण पर आधारित है।
        • इस प्रकार सरकार को बागवानी क्षेत्र में खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। इसी संदर्भ में कृषि इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड के साथ अतिरिक्त 10,000 FPO बनाने के लिये बजट में की गई घोषणा एक सराहनीय कदम है लेकिन इसे तेज़ी से लागू करने की आवश्यकता है।
        • सरकार को शहरी और थोक उपभोक्ताओं के बीच प्रसंस्कृत उत्पादों (टमाटर प्यूरी, प्याज के गुच्छे, पाउडर) के उपयोग को बढ़ावा देने के लिये उद्योग संगठनों के साथ मिलकर अभियान चलाना चाहिये जैसा कि अंडे के लिये किया गया था।
        • नए कृषि कानून बाज़ार सुधारों को पूरा करने का इरादा रखते हैं। हालाँकि इसके लिये नीति निर्माण प्रक्रिया मूल्य अस्थिरता में सबसे महत्त्वपूर्ण हितधारकों यानी किसानों को ध्यान में रखना होगा।

        निष्कर्ष

        ऑपरेशन ग्रीन का उद्देश्य आगामी वर्ष 2022 के अंत तक किसानों की आय को दोगुना करना है। हालाँकि मुख्य चुनौती विपणन सुधारों को संचालित करने की है ताकि ऑपरेशन फ्लड की तर्ज पर ऑपरेशन ग्रीन को फलने-फूलने में सक्षम बनाया जा सके।

        अभ्यास प्रश्न: ऑपरेशन फ्लड के समान उपलब्धि हासिल करने में ऑपरेशन ग्रीन के मार्ग में आने वाली बाधाओं का विश्लेषण करें।

        Market Risk- मार्केट रिस्क

        मार्केट रिस्क क्या होता है?
        मार्केट रिस्क (Market Risk) या बाजार जोखिम यह संभावना है कि कोई व्यक्ति या अन्य संस्था वित्तीय बाजारों में निवेश के समग्र प्रदर्शन को प्रभावित करने वाले कारकों के कारण नुकसान का अनुभव करेगा।बाजार जोखिम या संस्थागत जोखिम एक ही साथ समस्त बाजार के प्रदर्शन को प्रभावित करता है। बाजार जोखिम को विविधीकरण के कारण खत्म नहीं किया जा सकता।

        विशिष्ट जोखिम या अप्रणालीगत जोखिम में किसी विशिष्ट सिक्योरिटी का प्रदर्शन शामिल रहता है और इसे डायवर्सिफिकेशन के जरिये कम किया जा सकता है। मार्केट रिस्क ब्याज दरों, एक्सचेंज दरों, भूराजनैतिक घटनाओं या मंदी के कारण उत्पन्न हो सकते हैं।

        मार्केट रिस्क को समझना
        मार्केट रिस्क और स्पेसफिक रिस्क (अप्रणालीगत) निवेश जोखिम के दो प्रमुख वर्ग हैं। मार्केट रिस्क जिसे प्रणालीगत जोखिम भी कहा जाता है, को डायवर्सिफिकेशन के जरिये खत्म नहीं किया जा सकता। हालांकि अन्य तरीकों से इसे हेज किया जा सकता है। मार्केट रिस्क के स्रोतों में मंदी, राजनीतिक भूचाल, ब्याज दरों में परिवर्तन, प्राकृतिक आपदायें और आतंकी हमले शामिल हैं। प्रणालीगत या मार्केट रिस्क एक ही समय पूरे बाजार को प्रभावित कर सकता है। इसका विपरीत अप्रणालीगत जोखिम होता है जो किसी विशिष्ट कंपनी या उद्योग के लिए अनूठा होता है। इसे निवेश पोर्टफोलियो के संदर्भ में स्पेसफिक रिस्क, डायवर्सिफाइएबल रिस्क या रेजीडुअल रिस्क भी कहा जाता है।

        अप्रणालीगत जोखिम को डायवर्सिफिकेशन के जरिये कम किया जा सकता है। बाजार जोखिम कीमत परिवर्तनों के कारण होता है। स्टॉक्स, करेंसियों या कमोडिटी के मूल्यों में परिवर्तनों के मानक परिवर्तन को मूल्य अस्थिरता के रूप में संदर्भित किया जाता है। अस्थिरता को वार्षिक लिहाज से रेट किया जाता है और इसे पूर्ण तरीके से जैसेकि 10 डॉलर या आरंभिक मूल्य की प्रतिशतता जैसेकि 10 प्रतिशत के रूप में व्यक्त किया जाता है। अमेरिका में सार्वजनिक रूप से ट्रेड करने वाली कंपनियों को सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (एसईसी) के सामने इसका खुलासा करने की आवश्यकता होती है कि किस प्रकार उनकी उत्पादकता और परिणाम वित्तीय बाजारों के प्रदर्शन से लिंक किया जा सकता है। इस आवश्यकता का अर्थ है वित्तीय जोखिम के प्रति कंपनी के एक्सपोजर के बारे में विस्तृत जानकारी देना।

        मूल्य स्थिरीकरण कोष भारत सरकार द्वारा 2014-15 में __________ जैसी वस्तुओं की मूल्य अस्थिरता को नियंत्रित करने के लिए स्थापित किया गया था।

        Key Points

        • मूल्य स्थिरीकरण कोष भारत सरकार द्वारा प्याज और आलू जैसी वस्तुओं की मूल्य अस्थिरता को विनियमित करने के लिए 2014-15 में स्थापित किया गया था।
        • मूल्य स्थिरीकरण कोष चयनित वस्तुओं की कीमतों में अत्यधिक अस्थिरता वाले फंड के लिए गठित है।
        • निधि में राशि का उपयोग नीचे / ऊपर की कीमतों को लाने के उद्देश्य से गतिविधियों के लिए किया जाता है।
        • दालों को भी सूची में जोड़ा गया है।
        • मूल्य स्थिरीकरण निधि योजना ब्याज मुक्त ऋणों को आसान बनाती है।
        • मूल्य स्थिरीकरण कोष प्रबंधन समिति (PSFMC) मूल्य स्थिरीकरण कोष का प्रबंधन करेगी।
        • भारत के वित्त मंत्री ने केंद्रीय बजट 2018-19 में ऑपरेशन ग्रीन्स की घोषणा की थी।
        • हाल ही में सरकार ने ऑपरेशन ग्रीन्स ’कार्यक्रम के लिए 500 करोड़ रुपये की मंजूरी दी।
        • यह किसानों को उपभोक्ताओं से जोड़कर टमाटर, प्याज और आलू (उच्च सब्जियां) के संगठित विपणन पर ध्यान केंद्रित करता है।

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        Last updated on Nov 29, 2022

        A new recruitment notification for MP Patwari has been released. The Madhya Pradesh Professional Exam Board (MPPEB) has announced 2736 vacancies for the said post. The application process will commence on 5th January 2023 and end on 19th January 2022. The selection of candidates will be on the basis of a written examination. This is a great MP Government Job opportunity for all the Graduate candidates.

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