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पर जमा और निकासी के तरीके

पर जमा और निकासी के तरीके
पैन के लिए आवेदन समय

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20 लाख रुपये या अधिक नकदी के जमा-निकासी पर पैन अनिवार्य

अगर आपका कोई परिचित बैंक अथवा डाकघर में अपने जमा खाते में कई बार नकदी जमा करता पर जमा और निकासी के तरीके और निकालता था मगर स्थायी खाता संख्या (पैन) की जरूरत वाले नियम को चकमा देने के लिए एक बार में 50,000 रुपये से कम की जमा या निकासी करता था तो अब उसे परेशानी हो सकती है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने 10 मई को एक अधिसूचना जारी कर लेनदेन के लिए पैन या आधार को अनिवार्य बना दिया है। इसके मुताबिक अगर कोई व्यक्ति पूरे वित्त वर्ष के दौरान कुल मिलाकर 20 लाख रुपये या अधिक की नकद जमा अथवा निकासी करता है तो उसे पैन या आधार देना ही होगा। अधिसूचना में कहा गया है कि कोई व्यक्ति अगर तीन तरह के लेनदेन करता है तब उसके लिए पैन की पूरी जानकारी देना जरूरी है। ये लेनदेन इस प्रकार हैं:

अधिक नकदी जमा करना

किसी व्यक्ति के बैंक, सहकारी बैंक अथवा डाकघर में खुले एक या अधिक खातों में किसी भी वित्त वर्ष के दौरान कुल 20 लाख रुपये या उससे अधिक नकदी जमा करने पर पैन का उल्लेख करना होगा।

टैक्स चोरी पर बढ़ा पहरा, 20 लाख से ज्यादा जमा या निकासी पर 26 मई से लागू होगा ये नया नियम

टैक्स चोरी पर बढ़ा पहरा (Photo : Getty)

राहुल श्रीवास्तव

  • नई दिल्ली,
  • 11 मई 2022,
  • (अपडेटेड 11 मई 2022, 4:12 PM IST)
  • हर वित्त वर्ष के लिए तय हुई लिमिट
  • बैंक, सहकारी बैंक, डाकघर में भी लागू
  • नकद लेनदेन की टैक्स चोरी रोकना मकसद

टैक्स चोरी पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने अब अपना पहरा बढ़ा दिया है. देशभर में नकद लेन-देन से होने वाली टैक्स चोरी को रोकने के लिए एक नया नियम बनाया गया है. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने इसके लिए एक नोटिफिकेशन जारी किया है.

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सारे खातों के लेनदेन होंगे शामिल

नोटिफिकेशन में साफ किया गया है कि लेनदेन से मतलब एक फाइनेंशियल इयर में एक खाते या अन्य खातों से किए जाने वाले 20 लाख रुपये या उससे ज्यादा की जमा और निकासी से है. सरकार ने 2020 के बजट में 20 लाख रुपये की नकद निकासी पर टीडीएस का प्रावधान किया था. ये नियम तब कुछ विशेष तरह के लेनदेन के लिए बनाया गया था. अब जो नया नियम बनाया गया है, उसमें ग्राहक के साथ बैंक, सहकारी बैंक और डाकघरों को को लेनदेन की शुरुआत में ही PAN और Aadhaar की डिटेल देनी होगी. नया नियम एक अतिरिक्त फिल्टर की तरह काम करेगा जो बैंक खातों से 20 लाख रुपये से अधिक का नकद लेनदेन करने वालों के PAN Card इस्तेमाल करने को सुनिश्चित करेगा. सूत्रों ने जानकारी दी है कि सरकार बहुत जल्द PAN और Aadhaar के प्रमाणन से जुड़े मानक तौर-तरीके (SOPs) भी लेकर आएगी.

बैंकों को स्पष्टीकरण का इंतजार

हालांकि इस नियम को लेकर बैंको और अन्य वित्तीय संस्थानों को सरकार के स्पष्टीकरण का इंतजार है, क्योंकि वित्त वर्ष की शुरुआत अप्रैल से हो चुकी है, ऐसे में 26 मई से पहले हुए लेन-देन का आकलन कैसे किया जाएगा?

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आमतौर पर बैंक खाते में जमा रकम या निकासी, एफडी या ओवरड्राफ्ट जैसे लेनदेन का क्रेडिट स्कोर पर कोई फर्क नहीं पड़ता है, लेकिन क्रेडिट कार्ड की तरह अगर आपने बैंक खाता भी पूरी प्रक्रिया अपनाए बिना बंद किया है तो इससे आपके क्रेडिट स्कोर पर असर पड़ सकता है।

विशेषज्ञों का कहना है कि बैंक खाते में रकम माइनस में चली गई है और आप पर बैंक का बकाया है तो ऐसे में खाता बंद करने से आपका क्रेडिट स्कोर कम हो सकता है। विशेषज्ञों के मुताबिक, बकाया छोटी-मोटी रकम के लिए वसूली भले ही न करें, लेकिन यह भविष्य में लोन लेने के विकल्पों पर भारी पड़ सकता है। ऐसे में अगर कोई बैंक खाता बंद करना है तो पूरी प्रक्रिया अपनाएं और बैंक को इसकी समुचित जानकारी भी दें। ऐसा देखा गया है कि लोग खाते से सारी रकम निकालकर पर जमा और निकासी के तरीके उसे छोड़ देते हैं। बैंक से लगातार ईमेल और एसएमएस के बावजूद वे संपर्क नहीं साधते हैं। उनकी रकम नकारात्मक स्तर पर चला जाती है और तकनीकी तौर पर यह खाता बंद नहीं होता है।

PAN-Aadhar Mandatory: आज से 20 लाख से ज्यादा जमा-निकासी पर पैन या आधार जरूरी, सभी खातों पर नियम लागू

पैन और आधार अनिवार्य।

एक वित्त वर्ष में 20 लाख रुपये से ज्यादा की जमा और निकासी पर यह नियम बुधवार से लागू हो गया है। ऐसे मामले में ग्राहक को पैन कार्ड या पर जमा और निकासी के तरीके आधार देना जरूरी है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने अधिसूचना में कहा कि यह नियम बैंक, डाकघर या सहकारी सोसायटी में खोले गए एक या फिर उससे ज्यादा सभी खातों पर लागू होगा।

हर व्यक्ति को इसका पालन करना होगा। यह स्पष्ट नहीं है कि चालू वित्त वर्ष में 26 मई से पहले हुए लेनदेन पर नया नियम लागू होगा या नहीं। अब तक बैंक अधिकारियों को सुनिश्चित करना होता है कि जो व्यक्ति पैसा जमा कर रहा है या निकाल रहा है, उसके पास पैन कार्ड है या नहीं।

विस्तार

एक वित्त वर्ष में 20 लाख रुपये से ज्यादा की जमा और निकासी पर यह नियम बुधवार से लागू हो गया है। ऐसे मामले में ग्राहक को पैन कार्ड या आधार देना जरूरी है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने अधिसूचना में कहा कि यह नियम बैंक, डाकघर या सहकारी सोसायटी में खोले गए एक या फिर उससे ज्यादा सभी खातों पर लागू होगा।

हर व्यक्ति को इसका पालन करना होगा। यह स्पष्ट नहीं है कि चालू वित्त वर्ष में 26 मई से पहले हुए लेनदेन पर नया नियम लागू होगा या नहीं। पर जमा और निकासी के तरीके अब तक बैंक अधिकारियों को सुनिश्चित करना होता है कि जो व्यक्ति पैसा जमा कर रहा है या निकाल रहा है, उसके पास पैन कार्ड है या नहीं।

अभी तक कोई सीमा नहीं थी
वैसे अभी तक साल में नकदी जमा करने या निकालने के लिए सीमा तय नहीं थी। जिस पर पैन या आधार की जरूरत हो। इससे बड़े पैमाने पर जमा और निकासी के तरीके पर नकदी को इधर से उधर किया जाता था। हालांकि एक दिन में 50 हजार रुपये की निकासी या जमा पर यह नियम जरूर लागू था।

स्वीप-इन एफडी में रखें अतिरक्त रकम, कमाएं ज्यादा ब्याज

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कैसे करता है काम ?
यदि आपने स्वीप-इन एफडी खुलवाया है, तो खाते में पड़ी निर्धारित रकम से अधिक रकम को अपने-आप ही एफडी में तब्दील कर दिया जाएगा. मान लीजिए कि आपके खाते में 1 लाख रुपये हैं और आपने निर्धारित सीमा 25,000 रुपये तय की है. इस हिसाब से आपके खाते के 75,000 रुपये अपने आप ही एफडी में डाल दिए जाएंगे.

उदाहरण से ऐसे समझे
आपके बचत खाते की निर्धारित सीमा 25,000 रुपये पर बरकरार है और खाते में 1 लाख रुपये है. इस हिसाब से अपने आप ही 75,000 रुपये की एफडी हो जाएगी. अब मान लीजिए की आपने 32,000 रुपये का चेक जारी किया. इस चेक की शेष राशि आपकी एफडी से ही वसूली जाएगी.

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