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शुक्रवार को विदेशी मुद्रा समापन का समय

शुक्रवार को विदेशी मुद्रा समापन का समय

निवेश के लिए सबसे स्वच्छ राज्य मप्र आइए

भोपाल। मध्यप्रदेश देश का स्वच्छतम राज्य है। प्रदेश लगातार छठवीं बार स्वच्छता में उपलब्धियां अर्जित कर देश का सिरमौर बना है। प्रदेश में 3 लाख किलोमीटर सड़कें बनाई गई हैं। अटल एक्सप्रेस-वे, नर्मदा एक्सप्रेस-वे से जहां एक ओर अंतर्राज्यीय कनेक्टिविटी बढ़ेगी, वहीं दिल्ली और गुजरात से भी आवागमन सुगम और कम समय में होगा। इंदौर और भोपाल के बीच में ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट विकसित किया जा रहा है। मध्य प्रदेश में उद्योगों के लिए पर्याप्त लैंड बैंक उपलब्ध है। मध्यप्रदेश, पावर सरप्लस राज्य है, दिल्ली की मेट्रो ट्रेन भी मध्यप्रदेश के सोलर प्लांट से चल रही है इसलिए निवेश के लिए मप्र आइए।
यह बात मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बेंगलुरु में मध्यप्रदेश में निवेश के अवसर विषय पर संवाद सत्र को संबोधित करते हुए कही। चौहान ने कहा कि प्रदेश में पानी की पर्याप्त उपलब्धता है। स्किल्ड मेन पावर के साथ कानून-व्यवस्था की स्थिति बेहतर है, प्रदेश के लोग शांति से कार्य करने में विश्वास रखते हैं, हमारी ब्यूरोक्रेसी भी प्रो-एक्टिव है। यह सब बिन्दु औद्योगिक विकास और निवेश के लिए हमारी ताकत है। राज्य सरकार उद्योगों की आवश्यकता के अनुसार अपनी विभिन्न नीतियों में जरूरी बदलाव करने के लिए सहमत है। प्रदेश में शुक्रवार को विदेशी मुद्रा समापन का समय सभी क्षेत्रों के उद्योग और निवेश के लिए पर्याप्त संभावनाएं मौजूद हैं। उद्योगपति एंव निवेशक आएं, बातचीत करें और उद्योग तथा प्रदेश की प्रगति में सहभागी बने। बेंगलुरु के होटल ताज यशवंतपुर में संवाद सत्र में औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री राजवर्धन सिंह दत्तीगांव, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमऔर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री ओम प्रकाश सखलेचा, विभिन्न उद्योगपति और निवेशक सम्मिलित हुए। मुख्यमंत्री ने कहा कि इंदौर में 11 और 12 जनवरी 2023 को ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट हो रही है। इससे पहले 8 से 10 जनवरी तक प्रवासी भारतीय सम्मेलन होगा, जिसमें 80 से अधिक देशों में निवास कर रहे प्रवासी भारतीय सम्मिलित होंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सम्मेलन का शुभारंभ करेंगे और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु सम्मेलन के समापन समारोह में शामिल होंगी।

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मप्र में अपार संभावनाएं
मुख्यमंत्री ने उद्योगपतियों और निवेशकों को ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश के उज्जैन में श्री महाकाल लोक की अद्भुत सृष्टि हुई है, प्रदेश टाइगर स्टेट, लेपर्ड स्टेट और चीता स्टेट भी है। आप प्रदेश में आएं, निवेश की ओर निर्णायक रूप से आगे बढ़ें और प्रदेश की विविधता से परिचित हों, यही आग्रह है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कभी बीमारू राज्य कहे जाने वाले मध्यप्रदेश ने कृषि के क्षेत्र में अन्न उत्पादन में पंजाब को पीछे छोड़ा है। प्रदेश का बासमती चावल अमेरिका और कनाडा में धूम मचा रहा है। हम फूड प्रोसेसिंग में निरंतर आगे बढ़ रहे हैं। देश की जीएसडीपी में हमारा योगदान 3.6 से बढ़कर 4.6 प्रतिशत हो गया है और विकास दर वर्तमान मूल्यों पर 19.36 प्रतिशत है। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा वर्ष 2026 तक पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थ-व्यवस्था बनाने के लक्ष्य शुक्रवार को विदेशी मुद्रा समापन का समय को प्राप्त करने के लिए मध्य प्रदेश ने अपना रोडमेप बनाया है। प्रदेश रोजगार के नए अवसर सृजित करने, आईटी सेक्टर और शुक्रवार को विदेशी मुद्रा समापन का समय स्टार्टअप की दिशा में भी व्यवस्थित रूप से आगे बढ़ रहा है।´

विदेशी पर्यटक कैसे आएं भारत

कोरोना का असर कम होते ही देश भर के एयरपोर्ट तथा रेलवे स्टेशनों पर पर्यटकों की भीड़ रहने लगी है। दो-ढाई सालों से घरों में दुबके हुए हिन्दुस्तानी अब बाहर निकल रहे हैं। वे फिर से पहली वाली जिंदगी को जीना चाहते हैं। बेशक, कोरोना ने आम इंसान की सोच को भी बदला है। अब बहुत से लोगों को लगने लगा है कि जीवन तो क्षणभंगुर है। इसलिए जितना जीवन है उसका उतना आनंद तो ले ही लिया जाए। निश्चित रूप से इस सोच के चलते लोग पर्यटन स्थलों पर जा रहे हैं। इससे कोरोना के कारण तबाह हो गया पर्यटन क्षेत्र फिर से खड़ा होने लगा है। इस उद्योग से जुड़े लाखों लोगों की फिर से कमाई चालू हो गई शुक्रवार को विदेशी मुद्रा समापन का समय है। पर अब भी भारत में विदेशी पर्यटकों की आवक कायदे से चालू तो नहीं हुई है। कहना न होगा कि कोरोना के कारण विदेशी पर्यटकों ने भी भारत आना बंद ही कर दिया था।

इंडिया टुरिज्म स्टटिस्टिक्स की तरफ से हाल में जारी आंकड़ों के अनुसार, कोरोना के असर से ठीक एक साल पहले साल 2019 में भारत में 1.93 करोड़ विदेशी पर्यटक आए थे। उसके बाद से भारत में विदेशी पर्यटकों के आने का सिलसिला 75 फीसद तक गिरा। उसकी वजह तो समझ आती है। कोरोना की चेन को तोड़ने के लिए सरकार ने बहुत सारे कदम उठाए थे। पर यह भी सच है कि कोरोना के असर के कारण भारत आने वाले पर्यटक बहुत कम हो गए। चूंकि अब हालत सामान्य हो चुके है, इसलिए सरकार और पर्यटन सेक्टर से जुड़े हरेक स्टेक होल्डर को हरचंद कोशिश करनी होगी ताकि भारत में विदेशी पर्यटकों की आवक बढ़े।

देखिए, यह तो कहना ही होगा कि हमारे यहां पर जितने महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल हैं, उस लिहाज से हमारे यहां पर्यटक नहीं आते। भारत में ताजमहल, गुलाबी नगरी जयपुर, पहाड़ों की रानी दार्जिलिंग, शुक्रवार को विदेशी मुद्रा समापन का समय असीमित जल का क्षेत्र कन्याकुमारी, पृथ्वी का स्वर्ग कश्मीर समेत अनगिनत अहम पर्यटन स्थल हैं। इनके अलावा भारत में भगवान बुद्ध से जुड़े अनेक अति महत्वपूर्ण स्थल हैं। भारत में बुद्ध के जीवन से जुड़े कई महत्वपूर्ण स्थलों के साथ एक समृद्ध प्राचीन बौद्ध विरासत भी है। हमें यह सोचना होगा आखिर हम बौद्ध की भूमि होने के बावजूद दुनिया भर के बौद्ध अनुयायियों को आकर्षित करने में अबतक हम क्यों असफल रहे। भारतीय बौद्ध विरासत दुनिया भर में बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए बहुत रुचिकर है। कुशीनगर बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए प्रमुख तीर्थस्थलों में से एक है। भगवान बौद्ध ने कुशीनगर में महापरिनिर्वाण प्राप्त किया था।

इतना सब कुछ होने के बावजूद हमारे यहां विदेशी पर्यटकों का आंकड़ा सालाना दो करोड़ भी नहीं पहुंचता। बेशक, यह एक गंभीर विचारणीय बिन्दु है। इस पर सबको सोचना ही होगा। कुछ कमी तो हमारी भी है। हमें उन बिन्दुओं पर ठंडे दिमाग से सोचना होगा जिसके चलते हमारे यहां अन्य देशों के पर्यटक भारी मात्रा में कभी नहीं आए। आप गूगल सर्च करके देखेंगे तो आपको पता चल जाएगा कि हमारे यहां आने वाले विदेशी पर्यटकों के साथ स्थानीय लोग लूट-खसोट करने से लेकर मारपीट करने तक से पीछे नहीं रहते। यह शर्मनाक है। इस तरह के तत्वों पर संगीन धाराएं लगाकर मुकदमा दर्ज होना चाहिए और कठोरतम दंड की व्यवस्था होनी चाहिये।

कुछ साल पहले की बात है जब मुझे मिस्र की राजधानी काहिरा में जाने का अवसर मिला था। मैं वहां पर विश्व प्रसिद्द पिरामिड भी देखने गया शुक्रवार को विदेशी मुद्रा समापन का समय था। वे तो खैर अपने आप में अजुबा है ही। सबसे बड़ी बात, जिसने मेरा ध्यान आकृष्ट किया था, वह था वहां पर आए हुए हजारों विदेशी पर्यटक। पिरामिड स्थल के करीब की पार्किंग के पास दर्जनों बसें आ रही थीं। उनमें विदेशी पर्यटक थे। दो बसों में आए पर्यटकों की वेशभूषा को देखकर समझ आ रहा था कि वे भारतीय हैं। मैंने एक बुजुर्ग महिला से पूछा, ‘क्या आप भारत से है?’ उसने उत्तर दिया, ‘हम भारतीय हैं। पर हम केन्या में बसे हुए हैं।’ मैंने कभी किसी शुक्रवार को विदेशी मुद्रा समापन का समय भी भारतीय पर्यटन स्थल पर इतने विदेश पर्यटक नहीं देखे थे। आप भारत में आगरा से लेकर गोवा और किसी बुद्ध सर्किट की खास जगह पर चल जाइये। आपको विदेशियों की तादाद ही बहुत कम मिलेगी। ये संख्या बढ़ानी होगी। अफसोस होता है कि थाईलैंड और सिंगापुर जैसे छोटे देशों में भारत से ज्यादा विदेशी पर्यटक सैर-सपाटा के लिए पहुंचते हैं। लेकिन, बुद्ध की धरती भारत में थाईलैंड, जापान, साउथ कोरिया, थाईलैंड जैसे देशों के बहुत कम पर्यटक आते हैं।

भारत के प्रमुख पर्यटन स्थलों को गोवा जैसा बनना होगा। गोवा सच में एक इस तरह का स्थान है जो सारी दुनिया से पर्यटकों को अपनी तरफ खींच सकता है। वहां पर यूरोपीय भी आते हैं। गोवा हर लिहाज से श्रेष्ठ है। गोवा के समुद्री ‘बीच’ गजब के हैं। गोवा एयरपोर्ट से बाहर निकलते ही गोवा वासियों शुक्रवार को विदेशी मुद्रा समापन का समय के सुसंस्कृत व्यवहार से लेकर सड़कों पर व्यवस्थित ट्रैफिक को देखकर समझ आ जाता है कि गोवा कुछ हटकर है। आखिर बाकी पर्यटन स्थल गोवा जैसे कब होंगे। इस बीच, अभी अमृतसर में और अधिक विदेशी पर्यटकों को लाया जा सकता है। अमृतसर में ही जलियांवाला बाग भी है। विदेशी पर्यटकों को भारत में लाना इसलिए भी जरूरी है कि इससे हमें विदेशी मुद्रा की प्राप्ति होगी।

फिलहाल स्थिति यह है कि भारत के हर साल हजारों-लाखों नौजवान शिक्षा ग्रहण करने के लिए अन्य देशों में जा रहे हैं। ये मेडिकल से लेकर अन्य विषयों में स्नातक की डिग्री लेने के लिए ही अन्य देशों का रुख करते हैं। स्नातकोत्तर की डिग्री लेने के लिए बाहर जाने वाले अपेक्षाकृत कम ही होते हैं। हर साल इन विद्यार्थियों के अन्य देशों में जाने के कारण देश की अमूल्य विदेशी मुद्रा खर्च होती चली जाती है। इन लाखों विद्यार्थियों के लिए देश को अरबों रुपया अन्य देशों को देना पड़ता है विदेशी मुद्रा में। भारतीय विद्यार्थी अमेरिका, कनाडा आयरलैंड, ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर, मलेशिया, यूक्रेन और चीन तक में भी चले जा रहे हैं। अगर कोई शुक्रवार को विदेशी मुद्रा समापन का समय विद्यार्थी वास्तव में किसी खास शोध आदि के लिए अमेरिका की एमआईटी या कोलोरोडो जैसे विश्वविद्यालयों में दाखिला लेता है तो कोई बुराई भी नहीं है। आखिर अमेरिका के कुछ विश्वविद्यालय अपनी श्रेष्ठ फैक्ल्टी और दूसरी सुविधाओं के चलते सच में बहुत बेहतर हैं। पर यूक्रेन, आयरलैंड और मलेशिया जाने का क्या मतलब है। इनसे देश का विदशी मुद्रा का भंडार कम होता है। हमारे पास विकल्प है कि हम अपने विदेशी मुद्रा के भंडार को विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करके मजबूती दे सकते हैं।

21 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में 3.847 अरब डॉलर की कमी दर्ज की गई।

21 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में 3.847 अरब डॉलर की कमी दर्ज की गई।

21 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में 3.847 अरब डॉलर की कमी दर्ज की गई। जिसके बाद यह 524.52 अरब डॉलर रह गया है। इस बात की जानकारी भारतीय रिजर्व बैक ने दी है कि, जुलाई 2020 के बाद से भारत का विदेशी मुद्रा भंडार निचले स्तर पर पहुंच गया है। वहीं, बात अगर इससे पहले सप्ताह की करें तो, विदेशी मुद्रा भंडार में 4.50 अरब डॉलर की गिरावट शुक्रवार को विदेशी मुद्रा समापन का समय आई थी जिसके बाद यह 528.37 अरब डॉलर रह गया था।

लगातार भारत के विदेशी मुद्राभंडार में गिरावट का मुख्य कारण यह शुक्रवार को विदेशी मुद्रा समापन का समय कि, केन्द्रीय बैंक का मुद्राभंडार से रुपये की गिरावट को थामने के लिए मदद लेना। जिसके चलते पिछले कई महिनों से देश के विदेशी मुद्राभंडार में गिरावट आ रही है। रिजर्व बैंक की तरफ से जारी आंकड़ों के अनुसार, 21 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में मुद्रा भंडार का महत्वपूर्ण घटक मानी जाने वाली, विदेशी मुद्रा आस्तियां (FCA) 3.593 अरब डॉलर घटकर 465.075 अरब डॉलर रह गई। आंकड़ों के अनुसार देश का स्वर्ण भंडार मूल्य के संदर्भ में 24.7 करोड़ डॉलर घटकर 37,206 अरब डॉलर रह गया।

केंद्रीय बैंक ने कहा कि विशेष आहरण अधिकार (SDR) 70 लाख डॉलर बढ़कर 17.44 अरब डॉलर हो गया है। बताते चले, साल 2021 अक्टूबर में भारत का विदेश मुद्रा भंडार 645 अरब डॉलर था जो काफी उच्च स्तर पर माना जा रहा था लेकिन उसके बाद से लगातार डॉलर के मुकाबलें रुपये में गिरावट देखने को मिल रही है जिसको काबू करने के लिए केंद्रीय बैंक लगातार विदेशी मुद्रा भंडार से मदद ले रहा है। अभी तक केंद्रीय बैंक विदेशी मुद्रा भंडार से 100 अरब डॉलर से ज्यादा की राशि ले चुका है।

Sensex Today: 56,000 के ऊपर निपटा सेंसेक्स, निफ्टी 16,700 के ऊपर बंद; अल्ट्राटेक स्टॉक चमका

Sensex Today: सेंसेक्स लगातार 6ठें दिन शुक्रवार को विदेशी मुद्रा समापन का समय तेजी के साथ निपटा है. आज सेंसेक्स 56,000 के ऊपर निपटा है. वहीं, निफ्टी 16,700 के ऊपर बंद हुआ है. अल्ट्राटेक में जोरदार उछाल दर्ज किया गया.

Published: July 22, 2022 4:33 PM IST

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Sensex Today: दिन का अंत सेंसेक्स और निफ्टी में 0.7% की उछाल के साथ हुआ. सेंसेक्स 390 अंक और निफ्टी 115 ऊपर बंद हुआ. भारतीय बेंचमार्क सूचकांकों ने सुबह सपाट रहने के बाद सप्ताह का मजबूती से समापन किया. सूचकांक लगातार छठे दिन हरे निशान में बंद हुए. सेंसेक्स 390 अंक बढ़कर 56,072 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 15,700 अंक को पार कर 114 अंक की बढ़त के साथ बंद हुआ.

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