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फॉरेक्स में वॉल्यूम क्या है

फॉरेक्स में वॉल्यूम क्या है
बीआईएस के मुताबिक पिछले तीन वर्षों के दौरान रुपए में स्पॉट, फॉर्वर्ड, विदेशी मुद्रा विनिमय और अन्य प्रोडक्ट्स में ट्रेडिंग केवल ब्रिटेन में ही नहीं, बल्कि सिंगापुर, हांगकांग और अमेरिका में भी तेजी से बढ़ी है। बैंक ऑफ इंगलैंड के आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल के दौरान लंदन में 'डॉलर-रूपी नान-डेलिवरेबल फॉर्वर्ड ट्रेडिंग' का रोजाना औसत वॉल्यूम बढ़कर 28 अरब डॉलर तक पहुंच गया, जो अक्टूबर 2016 में महज 8 अरब डॉलर था।

ट्रेड ओपनिंग विंडो के साथ गोल्ड का चार्ट – Olymp Trade – ब्लॉग – 29.06.2022

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हम मुद्राओं, चार्ट्स, बुल्स एंड बियर्स, शॉर्ट सेलिंग के बारे में विस्तार से बात करेंगे, आर्थिक घटनाओं के कैलेंडर को पढ़ना सीखेंगे, जो विदेशी मुद्रा के साथ-साथ अन्य वित्तीय बाजारों जैसे एनवाईएसई, लंदन स्टॉक एक्सचेंज, फ्यूचर्स पर मौलिक व्यापार के लिए अनिवार्य है। एक्सचेंज, और बहुत कुछ।

Forex में लीवरेज क्या होता है?

लीवरेज ट्रेडिंग का उपयोग वित्तीय बाजारों में मार्जिन ट्रेडिंग के साथ किया जाता है। आसान शब्दों में, यह वित्तीय साधन एक ट्रेडर को अपने पास उपलब्ध पैसों से अधिक मात्रा में ट्रेड करने की अनुमति देता है।

लीवरेज का आकार ट्रेडर की जमा राशि से दसियों या सैकड़ों गुना से भी अधिक हो फॉरेक्स में वॉल्यूम क्या है सकता है।

Forex में लीवरेज ट्रेडिंग की लोकप्रियता

कम पैसा निवेश करके अधिक लाभप्रदता के कारण वित्तीय असेट की लीवरेज्ड ट्रेडिंग Forex ट्रेडर के बीच लोकप्रिय है। इसके अलावा, आप कई लेन-देन खोलने में सक्षम होते हैं, जिससे ट्रेडर को अपने निवेश पोर्टफोलियो में विविधता लाने में सहुलियत मिलती है।

एक बेहतरीन रणनीति के साथ, लीवरेज एक वित्तीय साधन है जो एक ट्रेडर को पर्याप्त पूंजी के बिना भी बड़े फॉरेक्स में वॉल्यूम क्या है लेनदेन समापन करने और थोड़े समय में अपनी निवेश पूंजी बढ़ाने में सक्षम बनाता है।

Forex में लीवरेज कैसे काम करता है

उदाहरण के लिए, आपके ट्रेडिंग खाते में $100 है और x100 लीवरेज का उपयोग करते हुए, आपका कुल ट्रेडिंग वॉल्यूम (राशि) $10,000 ($100 x 100 = $10,000) होगा। नतीजतन, छोटे लीवरेज का उपयोग करके $100 का ट्रेड करने के मुकाबले इस पोज़िशन का वित्तीय लाभ अधिक होगा।

Olymp Trade पर मल्टीप्लायर

Forex लीवरेज की तरह Olymp Trade मल्टीप्लायर आपके निवेश की राशि को एक निश्चित राशि से गुणा करता है। मल्टीप्लायर की संख्या से पता चलता है कि कुल ट्रेडिंग वॉल्यूम (राशि) कितना गुना बढ़ेगा।

यदि आप दीर्घकालिक निवेश चुनते हैं तो न्यूनतम मल्टीप्लायर संख्या का उपयोग करना सही विकल्प होता है। हालांकि, एक उच्च मल्टीप्लायर संख्या सक्रिय ट्रेडिंग के लिए उपयुक्त है जब एक निवेशक एक ही दिन में बहुत सारे लेनदेन करता है।

यह जानना महत्वपूर्ण है कि मल्टीप्लायर का उपयोग करने से संभावित लाभ का आकार और लेन-देन के जोखिम का स्तर बढ़ जाता है। स्मरण रहे, मल्टीप्लायर की संख्या जो कुछ भी हो, आपके ट्रेड पर होने वाला नुकसान आपके द्वारा इसमें निवेश की गई राशि से अधिक नहीं हो सकता है।

कैंडलस्टिक को समझने की शुरुवात

जैसे कि हम पहले भी बात कर चुके हैं कि टेक्निकल एनालिसिस में सबसे जरूरी अवधारणा (Assumption) यह है कि इतिहास अपने आप को दोहराता है। टेक्निकल एनालिसिस फॉरेक्स में वॉल्यूम क्या है इस अवधारणा को बार-बार इस्तेमाल करता है। यह सबसे महत्वपूर्ण अवधारणा है।

टेक्निकल एनालिसिस की इस अवधारणा को और गहराई से समझना जरूरी है क्योंकि कैंडलस्टिक के पैटर्न पूरी तरीके से इस अवधारणा आधार बनाते फॉरेक्स में वॉल्यूम क्या है हैं।

मान लीजिए आज 7 जुलाई 2014 है और कुछ चीजें बाजार में हो रही है।

  1. घटना एक शेयर पिछले 4 दिनों से लगातार गिर रहे हैं ।
  2. घटना दो आज 7 जुलाई 2014 को पांचवा ट्रेडिंग सेशन है जहां शेयर गिर रहे हैं। शेयर वॉल्यूम भी कम है।
  3. घटना तीन शेयर की कीमत का दायरा भी पिछले दिनों की तुलना में बहुत ज्यादा छोटा है।

इन घटनाओं को ध्यान में रखते हुए अब आप मानिए कि अगले दिन यानी 8 जुलाई 2014 को शेयरों की गिरावट थम जाती है और शेयर थोड़ी सी तेजी के साथ भी बंद होते हैं। तो पिछली तीन घटनाओं के परिणाम में छठवें दिन शेयर बाजार ऊपर की तरफ गया।

4.2- कैंडलस्टिक पैटर्न और उनसे जुड़ी उम्मीदें

कैंडलस्टिक का इस्तेमाल ट्रेडिंग पैटर्न समझने के लिए किया जाता है। पैटर्न , यानी एक खास तरह की घटना जब एक खास तरीके के संकेत देती है तो उसे पैटर्न कहते हैं। टेक्निकल एनालिस्ट पैटर्न के आधार पर ही फॉरेक्स में वॉल्यूम क्या है अपना ट्रेड यानी सौदा तय करते हैं। किसी भी पैटर्न में दो या दो से ज्यादा कैंडल एक खास तरीके से लगे होते हैं। लेकिन कभी-कभी एक कैंडलस्टिक से भी पैटर्न समझा जा सकता है। इसलिए कैंडलस्टिक पैटर्न को सिंगल कैंडलस्टिक पैटर्न यानी एक कैंडलस्टिक वाले पैटर्न और मल्टीपल कैंडलस्टिक पैटर्न यानी कई कैंडलस्टिक वाला पैटर्न में बांटा जा सकता है। एक कैंडलस्टिक वाले पैटर्न में हम फॉरेक्स में वॉल्यूम क्या है जो चीजें जानेंगे वह हैं।

  1. मारूबोज़ू (Marubozu)
    1. बुलिश मारूबोज़ू ( Bullish Marubozu)
    2. बेयरिश मारूबोज़ू (Bearish Marubozu)

    टेक्निकल या फंडामेंटल विश्लेषण, दोनों में फॉरेक्स में वॉल्यूम क्या है किस पर करें भरोसा?

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    यह बताना मुश्किल है कि दोनों में से कौन बेहतर है. सफल निवेशकों दोनों ही विश्लेषणों का प्रयोग करते हैं.

    1. फंडामेंटल विश्लेषण क्या है?
    किसी शेयर के संभावित भविष्य का आंकलन कई व्यापक संकेतों के आधार पर किया जाता है. इसमें फॉरेक्स में वॉल्यूम क्या है देश का जीडीपी, महंगाई दर, ब्याज दर के साथ-साथ कंपनी की बिक्री, मुनाफा क्षमता, रिटर्न ऑन इक्विटी, नकद स्थिति और लाइबिलिटी शामिल होते हैं.

    2. क्या है तकनीकी विश्लेषण?
    तकनीकी विश्लेषण में बाजार के एतिहासिक आंकड़ों का इस्तेमाल किया जाता है. इनमें शेयर की कीमतों में उतार-चढ़ाव, वॉल्यूम, ओपन इंट्रेस्ट आदि शामिल हैं. इसके आधार पर यह बताया जाता है कि भविष्य में शेयर की दिशा क्या होगी.

    Money Trading : मुंबई को पछाड़ते हुए लंदन बना रुपए की ट्रेडिंग का टॉप सेंटर

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    ब्रिटेन (यूनाइटेड किंगडम या यूके) में रुपए की ट्रेडिंग तेज रफ्तार से बढ़ी है। इसी हफ्ते जारी 'बैंक फॉर फॉरेक्स में वॉल्यूम क्या है इंटरनेशनल सेटलमेंट्स' (बीआईएस) के नवीनतम सर्वे के मुताबिक अप्रैल के दौरान ब्रिटेन में रुपए का रोजाना औसत वॉल्यूम बढ़कर 46.8 अरब डॉलर हो गया, जो 2016 में महज 8.8 अरब डॉलर था।

    बीआईएस की रिपोर्ट कहती है कि पिछले तीन वर्षों की अवधि में 'फॉरेक्स में वॉल्यूम क्या है डॉलर-रूपी नान-डेलिवरेबल फॉर्वर्ड ट्रेडिंग' तीन गुनी बढ़ी है।

    विदेशी बाजारों में रुपए फॉरेक्स में वॉल्यूम क्या है के निरंतर बढ़ते बाजार को देखते हुए भारत सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक ने इसमें विदेशी निवेशकों की पहुंच बढ़ाने के तरीकों पर गौर करना शुरू कर दिया है। ऐसे निवेशकों को सरकार घरेलू बाजार में उपलब्ध ज्यादा-से-ज्यादा प्रोडक्ट में वॉल्यूम बढ़ाने की पेशकश कर रही है।

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