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उच्च आवृत्ति व्यापार

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CN Trading Company

5G Auction : चौथा दिन में 1,49,623 करोड़ रुपये तक की लगी बोलियां, जानिए कब तक मिलेगा स्पेक्ट्रम

5G Auction : चौथा दिन में 1,49,623 करोड़ रुपये तक की लगी बोलियां, जानिए कब तक मिलेगा स्पेक्ट्रम

देश में उच्च गति की इंटरनेट सेवा देने के लिये पांचवीं पीढ़ी (5जी) के स्पेक्ट्रम की नीलामी शुक्रवार को चौथे दिन भी जारी है। अबतक हुए 16 दौर में कुल 1,49,623 करोड़ रुपये की बोलियां आ चुकी हैं। उत्तर प्रदेश ईस्ट सर्किल में 1800 मेगाहर्ट्ज बैंड के स्पेक्ट्रम में जियो और एयरटेल ने गहरी दिलचस्पी दिखाई है और बुधवार तथा बृहस्पतिवार को उन्होंने टक्कर की बोलियां लगाईं।

उद्योगपति मुकेश अंबानी की रिलायंस जियो, सुनील भारती मित्तल की भारती एयरटेल और गौतम अडाणी की कंपनी के साथ-साथ वोडाफोन आइडिया भी 5जी स्पेक्ट्रम की दौड़ में है। बोली के पहले दिन मंगलवार को चार दौर की नीलामी में 1.45 लाख करोड़ रुपये की बोली लगायी गयी थी। बुधवार और बृहस्पतिवार को रेडियो तरंगों की अतिरिक्त मांग आई।

शुक्रवार को 17वें दौर की बोलियां शुरू उच्च आवृत्ति व्यापार हो गईं। बृहस्पतिवार को 16 दौर में कुल 1,49,623 करोड़ रुपये की बोलियां आई हैं। बोली के तहत कम-से-कम 4.3 लाख करोड़ रुपये मूल्य के कुल 72 गीगाहर्ट्ज उच्च आवृत्ति व्यापार रेडियो तरंगों को रखा गया है। नीलामी विभिन्न निम्न (600 मेगाहर्ट्ज, 700 मेगाहर्ट्ज, 800 मेगाहर्ट्ज, 900 मेगाहर्ट्ज, 1,800 मेगाहर्ट्ज, 2,100 मेगाहर्ट्ज, 2,300 मेगाहर्ट्ज), मध्यम (3,300 मेगाहर्ट्ज) और उच्च आवृत्ति व्यापार उच्च (26 गीगाहर्ट्ज़) आवृत्ति बैंड में स्पेक्ट्रम के लिए आयोजित की जा रही है।

बुरा दौर अब पीछे, भारत की जीडीपी उच्च आवृत्ति व्यापार दर चौथी तिमाही में होगी वृद्धि के रास्ते पर: पारेख

आवास ऋण देने वाली कंपनी एचडीएफसी के गैर-कार्यकारी चेयरमैन दीपक पारेख ने गुरुवार को कहा कि बुरा दौर अब पीछे निकल रहा है और विभिन्न क्षेत्रों में मांग में आ रही तेजी को देखते हुए भारत का सकल घरेलू.

बुरा दौर अब पीछे, भारत की जीडीपी दर चौथी तिमाही में होगी वृद्धि के रास्ते पर: पारेख

आवास ऋण देने वाली कंपनी एचडीएफसी के गैर-कार्यकारी चेयरमैन दीपक पारेख ने गुरुवार को कहा कि बुरा दौर अब पीछे निकल रहा है और विभिन्न क्षेत्रों में मांग में आ रही तेजी को देखते उच्च आवृत्ति व्यापार हुए भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) दर चौथी तिमाही में वृद्धि के रास्ते पर पहुंच जायेगी।

कनाडा-भारत व्यापार परिषद द्वारा डिजिटल तरीके से आयोजित सम्मेलन में उन्होंने कहा, ''उच्च आवृत्ति के आंकड़े (पीएमआई, व्यापार, बिजली खपत आंकड़े आदि) में माह-दर-माह आधार पर सुधार हो रहा है। अभी काफी कुछ की जरूरत है लेकिन इतना कहा जा सकता है कि बुरा दौर समाप्त उच्च आवृत्ति व्यापार हो गया है।

पारेख ने उदाहरण देते हुए कहा कि टोल संग्रह कोविड-19 पूर्व के स्तर के 88 प्रतिशत पर पहुंच गया है, ई-वे बिल बढ़ रहे हैं और बिजली खपत बेहतर हुई है। उन्होंने कहा कि इस तिमाही में आवास की बिक्री 34 प्रतिशत बढ़ी है। लोग अपार्टमेंट में बने-बनाये मकान खरीद रहे हैं।

पारेख ने कहा कि कृषि क्षेत्र की स्थिति काफी अच्छी है और इस साल रिकार्ड 30 करोड़ टन खाद्यान्न उत्पादन का अनुमान है। वृद्धि परिदृश्य के बारे में उन्होंने कहा, ''पहली तिमाही में 24 प्रतिशत की गिरावट आयी लेकिन मैं उसको लेकर चिंतित नहीं हूं क्योंकि उस दौरान तिमाही में काफी दिनों तक देश में पूरी तरह से 'लॉकडाउन था।

पारेख ने कहा, ''सितंबर में समाप्त दूसरी तिमाही में आर्थिक वृद्धि में उच्च आवृत्ति व्यापार 5 प्रतिशत की गिरावट आने का अनुमान है। लेकिन अंतिम तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर सकारात्मक दायरे में होगी। मैं भारत की संभावना और क्षमता को लेकर पूरी तरह से आशावादी हूं। उन्होंने कहा कि भारत घरेलू खपत आधारित अर्थव्यवस्था है और आने वाले महीनों में मांग बढ़ेगी।

सुधार के मजबूत संकेत के बीच तेजी से सुधरी अर्थव्यवस्था

Kavita Singh Rathore

राज एक्सप्रेस। इस दुनिया में कोरोना वायरस की एंट्री के साथ ही अनेक देशों की हालत ख़राब होना शुरू हो गयी थी। क्योंकि, कोरोना वायरस की शुरुआत होते ही लगभग सभी देशों ने अपने देश में लॉकडाउन लागू कर दिया था। जिसके चलते देशों की अर्थव्यवस्था चरमरा गई थी। इतना ही नहीं देश आर्थिक मंदी का सामना करने लगे थे। वहीं, अब खबर यह है कि, कई देश आर्थिक मंदी से बाहर आते नजर आ रहे हैं। खुशी की बात यह है कि, इन देशों में भारत का नाम भी शामिल हो गया है। क्योंकि, अब देश की अर्थव्यवस्था तेजी से पटरी पर लौटती नजर आ रही है।

अर्थव्यवस्था में तेजी से सुधार :

दरअसल, इन दिनों देश में भले ही कोरोना के नए Omicron वेरिएंट का खौफ बढ़ना शुरू हो गया है, लेकिन इसी बीच अच्छी खबर यह है कि, उतरी देश की अर्थव्यवस्था में अब तेजी से सुधार देखने को मिल रहा है। आर्थिक सुधार के लिए निगरानी वाले उच्च आवृत्ति व्यापार 22 उच्च आवृत्ति संकेतकों (HFI) में से 19 में पूरी तरह सुधार देखने को मिला है। खबरों की मानें तो, ये 19 संकेत कोरोना से पहले वाली स्थिति की तुलना में इस वर्ष सितंबर, अक्टूबर व नवंबर में शीर्ष स्तर पर नजर आए।

देखने मिला 100 % सुधार :

ताजा आंकड़ों के अनुसार, 19 में से कुछ संकेतकों में 100% से भी ज्यादा सुधार देखने को मिला है। इन संकेतकों में मुख्य टूर पर ई-वे बिल, कारोबार निर्यात, कोयला उत्पादन और रेलवे माल ढुलाई शामिल हैं। यह संकेत है कि, अर्थव्यवस्था में अब काफी उच्च आवृत्ति व्यापार सुधार आया है, साथ ही अर्थव्यवस्था कोरोना से पहले वाले स्तर की गति पकड़ रही है। इसका अंदाजा दूसरी तिमाही में सामने आए GDP अनुमान भी इस सुधार की पुष्टि करते हैं। 8.4 फीसदी का सुधार कोरोना से पहले 2019-20 की दूसरी तिमाही से भी बेहतर है।

आंकड़ों के अनुसार :

अक्ट्रबर में उच्च आवृत्ति व्यापार इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन 2019 की तुलना में 157 फीसदी यानी 108.2 करोड़ रहा।

UPI लगभग चार गुना के साथ 421.9 करोड़ रहा।

अक्ट्रबर में कारोबारी आयात 55.4 अरब डॉलर रहा, जो कि 2019 की तुलना में 146 फीसदी था।

ई-वे बिल की संख्या दोगुनी से भी ज्यादा होकर 7.4 करोड़ पर पहुंच गई।

कोयला उत्पादन 131% बढ़कर सितंबर में लगभग 11.41 करोड़ टन रहा।

रेलवे ढुलाई में भी 125% की बढ़त दर्ज की गई।

खाद बिक्री, बिजली खपत, ट्रैक्टरों की बिक्री, सीमेंट उत्पादन, बंदरगाहों पर आवाजाही, ईंधन की खपत, हवाई कार्गो, आईआईपी और 8 कोर उद्योग कोरोना से पहले वाले स्तर से ऊपर हैं।

कोरोना से पहले वाले स्तर पर पहुंचने में सिर्फ तीन क्षेत्र बचे हैं, जिनमें थोड़ी कसर बाकी है।

इस्पात खपत में वर्तमान 99%, घरेलू वाहन बिक्री में 86% और हवाई यात्री ट्राफिक 66% है।

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