म्युचुअल फंड के प्रकार

SIP क्या है
जब निवेश की बात आती है तो आपने SIP और mutual funds के बारे में जरूर सुना होगा। और आप जानना चाहते होंगे की SIP क्या है? तथा इसमें हम निवेश कैसे शुरू कर सकते है?
Table of Contents
SIP क्या है? (What is SIP?)
SIP में हर महीने एक निश्चित समय अंतराल तक पैसे निवेश करने पर हमे अच्छे interest rate पर रिटर्न मिलता है। SIP जितने लंबे समय का होगा, रिटर्न उतना ही बेहतरीन मिलेगा।
आज के आर्टिकल में मैने SIP kya hai? SIP में कैसे निवेश करे? तथा SIP के क्या फायदे है? सभी जानकारी बताई है, तो अंत तक जरूर पढ़े जिससे हर बात अच्छे से समझ आ सके।
SIP क्या है – SIP Kya Hai
SIP का पूरा नाम “Systematic Investment Plan” है यह एक तरीका है जिसके जरिए आप म्यूचुअल फंड में अपने पैसे निवेश करते है।
SIP हमे mutual funds, स्टॉक मार्केट में invest करने की सुविधा देता है।
SIP में निवेश करने के लिए आप पहले SIP plan चुने, की आपको कितने साल की SIP करवाना है और कितने पैसे की। उसके अनुसार नियमित रूप से SIP जमा करना होगा।
इसमें मासिक, अर्धवार्षिक और वार्षिक अंतराल के विकल्प होते है, जो आपको सही लगे उसे चुन ले। आप SIP को Recurring Deposit (RD) की तरह समझ सकते है जिसमें हर महीने बैंक में एक तय रकम को एक निश्चित अवधि तक जमा करना होता है।
अवधि पूरा होने के बाद कुल जमाराशि पर हमे ब्याज के साथ पैसे मिलते है। SIP निवेश करने का एक बहुत फेमस तरीका है जिसमें काफी निवेश कर रहे है। SIP में लंबे समय तक निवेश करने से ही रिटर्न अधिक मिलता है। जिन्हे शेयर मार्केट और mutual funds की समझ नही है, वे भी SIP द्वारा आसनी से निवेश कर सकते म्युचुअल फंड के प्रकार है।
आप अपने बैंक अकाउंट को SIP में लिंक कर दे जिससे की आपके अकाउंट से हर महीने SIP की रकम जमा हो जाए। इससे हर महीने SIP जमा करने की झंझट नहीं रहती है।
SIP की सबसे अच्छी बात यह है की आप छोटी रकम से भी शुरू कर सकते है। आम आदमी के पास बड़ी रकम नही होती है यदि वह कहीं नौकरी करता हो। SIP में छोटे छोटे रकम लंबे समय तक नियमित रूप से जमा करने पर अच्छा रिटर्न मिलता है।
यह काफी सुरक्षित investment है। यदि आप शेयर मार्केट के उतार चढाव की झंझट से दूर रहना चाहते है तो SIP सबसे अच्छा रहेगा। इसके जरिए आप एक निश्चित समय तक किसी mutual fund या स्टॉक मार्केट में निवेश करते है।
SIP में आप एक समय और रकम निर्धारित रहता है, उसके अनुसार इन्वेस्टमेंट शुरू होता है। इसमें आप महीने के मात्र 500रु या 1000रु से SIP कर सकते है। छोटी रकम होने के कारण इसमें मध्यवर्गीय परिवार से आने वाले लोग भी निवेश कर सकते है।
SIP के क्या क्या फायदे है? (What are the Benefits of SIP?)
SIP में निवेश करने के कई फायदे है जिसे जानना आपके लिए जरूरी है, ताकि निवेश करते वक्त कोई परेशानी न आए। SIP के फायदे निम्न है –
1। SIP में flexibility है, यानी आप जमाराशि कभी भी निकाल और SIP की रकम हर महीने कम या अधिक कर सकते है।
2। SIP में अन्य investment जैसे FD और RD की तुलना में अधिक रिटर्न मिलता है।
3। आप सिर्फ 500रु या 1000रु प्रति माह से ही SIP में निवेश शुरू कर सकते है।
4। इसमें जोखिम बहुत कम होता है।
5। SIP में compounding interest का लाभ मिलता है, यानी ब्याज से ऊपर ब्याज।
SIP के नुकसान (What are the disadvantages of SIP?)
अब हम SIP में होने वाले म्युचुअल फंड के प्रकार नुकसान भी जानेंगे, जो कुछ इस प्रकार है –
1। जिनकी आय प्रति माह निश्चित नहीं है उनके लिए SIP सही नही है, क्योंकि इसमें नियमित रूप से रकम जमा करना पड़ता है। बीच में कोई अंतराल नही होना चाहिए।
2। यदि लंबे समय तक SIP करना चाहते है तभी निवेश करे क्योंकि SIP में अधिक रिटर्न लंबी अवधि पर ही मिलता है। कम समय के लिए इसमें निवेश करना फायदा नहीं है।
3। SIP में मिलने वाला रिटर्न शेयर मार्केट पर काफी निर्भर करता है।
4। FD और RD की तरह इसमें फिक्स ब्याज दर नही मिलता, मार्केट के अनुसार यह कम या अधिक होता है।
SIP में लगने वाले दस्तावेज (Documents required for SIP)
शेयर मार्केट या म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए दस्तावेज जरूरी है। उसके बाद ही आप इसमें invest कर पाएंगे। SIP में भी ऐसा ही है।
इसमें लगने वाले दस्तावेज कुछ इस प्रकार है –
- आधार कार्ड
- पासपोर्ट साइज फोटो
- पैन कार्ड
- बैंक अकाउंट स्टेटमेंट
- फोन नंबर
- ईमेल आईडी
- चेक बुक
SIP में रिस्क क्या है? (What is the risk in SIP?)
रिस्क तो सभी निवेश में है, SIP में भी। अगर छोटे रकम की SIP है तो रिस्क कम रहता है। कोई ऐसी कंपनी जो घाटे में चल रही है उसमें SIP करवाने पर मुनाफा की जगह आपको नुकसान होता है और पैसे डूब जाते है।
SIP से अच्छा रिटर्न पाने के लिए इसमें लंबे समय तक निवेश करना चाहिए। आगर आप सिर्फ कुछ महीने तक इसमें पैसे जमा करते है तो आपका नुकसान भी हो सकता है। SIP में अधिक फायदा पाने के लिए हमेशा लंबे समय के लिए ही करने की सलाह दी जाती है।
हालांकि, यह बात सच है की शेयर मार्केट में बड़ी रकम निवेश करने से अधिक रिटर्न मिलता है। लेकिन इसकी कोई गारंटी नहीं है क्योंकि अगर मार्केट नीचे गया तो आपके सारे पैसे डूब जाएंगे। जिस कारण इसमें बहुत risk रहता है। कई लोगो के पास बड़ी रकम नही होती है, वे छोटी रकम म्युचुअल फंड के प्रकार से ही निवेश शुरू करना चाहते है जिसमें risk न के बराबर रहता है। जिसके लिए आप SIP करवाते है, इसमें हर महीने तय रकम को एक निश्चित समय तक जमा करना होता है।
SIP कैसे शुरू करें? (How to start SIP Investment?)
SIP में निवेश आप दो तरीके से कर सकते है। पहला डायरेक्ट प्लान और दूसरा रेगुलर प्लान। डायरेक्ट प्लान में कोई ब्रोकर नही होता है, आप सीधा उस म्यूचुअल फंड में निवेश करते है। इसमें आपको कंपनी anlysic खुद करना पड़ता है ताकि सही जगह निवेश करके फायदा मिले। डायरेक्ट प्लान में उन्हें यह बताने वाला की कौन सा म्यूचुअल फंड सही होगा, म्युचुअल फंड के प्रकार कोई नही होता है। जिस कारण कई बार नुकसान भी उठाना पड़ता है।
यदि आप नए निवेशक है जिन्हे म्यूचुअल फंड या इन्वेस्टमेंट की उतनी समझ नही है, तो रेगुलर प्लान द्वारा ही SIP शुरू करे। इसमें पैसे धूबने का खतरा काफी कम रहता है क्योंकि बीच में एक ब्रोकर रहता है जो सभी निवेशको के पैसे सही जगह पर लगता है। इसके बदले में वह कुछ कमीशन लेता है।
SIP शुरू करने के ऑनलाइन कई वेबसाइट और Apps है जैसे grow, upstock म्युचुअल फंड के प्रकार जिनके द्वारा आप SIP में निवेश कर सकते है।
इन Apps में पहले आपको KYC पड़ता है। KYC में कुछ दस्तावेज लगते है, जिसको verify करके अकाउंट open हो जाता है। और आप अपने अनुसार SIP plan चुनकर नियमित रूप से एक तय रकम एक निश्चित समय अंतराल तक जमा कर सकते है।
आज आपने क्या सीखा?
उम्मीद करता हूं, इस आर्टिकल में जो मैने SIP क्या है? SIP कितने प्रकार के होते है? इन सबकी जानकारी आपको अच्छे से समझ आई होगी। यदि हां, तो अपने दोस्तो के साथ शेयर करना न भूले।
यदि इस आर्टिकल से संबंधित आपका कोई सुझाव या सवाल है, तो आप कमेंट करके हमें बता सकते है।
FAQs
SIP में निवेश कितने रुपए से शुरू कर सकते है?
आप केवल 500 रुपए प्रति माह से ही SIP शुरू कर सकते है।
SIP कितने साल का होता है?
सभी बैंक में SIP की अवधि अलग होती है, लेकिन सामान्यता 6 महीने से 20 वर्ष तक हो सकती है।
SIP में कितना ब्याज मिलता है?
SIP में ब्याज आपकी रकम और अवधि पर निर्भर करता है। लंबे समय की SIP में अधिक ब्याज और थोड़े समय वाले में कम ब्याज मिलता है।
जानिए कैसे अधिक रिटर्न और सुरक्षित निवेश कर सकते है, निवेश करने का तरीका
जानिए कैसे अधिक रिटर्न और सुरक्षित निवेश कर सकते है, निवेश करने का तरीका:-हेल्लो दोस्तों अगर आप भी निवेश करना चाहते है लेकिन आपको समझ में नही आ रहा है की आपको कहा निवेश करना चाहिए तो आप इस पोस्ट को पूरा पढ़ सकते है और जैसा की आपको पता है की सरकारी योजनाओं और बैंक एफडी में रिस्क कम होता है साथ ही इसमें पैसा लगाने सेफ माना जाता है तो चलिए अब हम इसके बारे में विस्तार से जानते है
जानिए निवेश का सही तरीका
हम आपकी जानकरी के लिए बता दे की सरकारी योजनाओं से लेकर बैंक एफडी और अधिक रिस्क के लिए शेयर बाजार और म्यूचुअल फंड जैसी जगहों पर पैसा लगा रहे हैं और वहीं मार्केट और म्यूचुअल फंड में निवेश करना रिस्की माना जाता है, लेकिन आपको कम समय में अधिक रिटर्न मिल सकता है या आप सरकारी योजनाओं से लेकर SIP, शेयर बाजार आदि में निवेश कर सकते है
रिटायर व्यक्ति निवेश कैसे करे
वह अधिक रिस्क लेने के बजाय रेगुलर इनकम जैसी योजनाओं में निवेश कर सकता है साथ ही फिक्स डिपॉजिट पर अपने सुविधाजन टेन्योर के लिए, सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम और पेंशन प्लान आदि जैसी योजनाओं में निवेश कर सकते हैं
नौकरी वाला व्यक्ति निवेश कैसे करे
- आप अपनी क्षमता के अनुसार निवेश का विकल्प चुन सकते हैं
- साथ ही कम जोखिम वाला व्यक्ति निवेश से दूर रहने का विकल्प चुनेगा
- वह रिस्क लेना वाला व्यक्ति शेयर मार्केट में निवेश का विकल्प चुन सकता है
- आप एकमुश्त के बजाय व्यवस्थित निवेश योजना (SIP) में निवेश कर सकते हैं
- साथ ही अधिक फंड के लिए आप म्यूचुअल फंड में भी निवेश कर सकते हैं
- आप स्वास्थ्य बीमा, जीवन बीमा जैसी बुनियादी चीजों में निवेश कर सकते हैं
- एक लिक्विड फंड बना सकते हैं जिसे आप आपात स्थिति में उपयोग कर सकते हैं
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Conclusion:- दोस्तों आज के इस आर्टिकल म्युचुअल फंड के प्रकार में हमने जानिए कैसे अधिक रिटर्न और सुरक्षित निवेश कर सकते है, निवेश करने का तरीका के बारे में विस्तार से जानकारी दी है। इसलिए हम उम्मीद करते हैं, कि आपको आज का यह आर्टिकल आवश्यक पसंद आया होगा, और आज के इस आर्टिकल से आपको अवश्य कुछ मदद मिली होगी। इस आर्टिकल के बारे में आपकी कोई भी राय है, तो आप हमें नीचे कमेंट करके जरूर बताएं।
Common ITR Form: क्या आयकर भरने के अलग-अलग फॉर्म सहज और सुगम बंद कर दिए जाएँगे?
Common ITR Form: क्या आयकर भरने के अलग-अलग फॉर्म सहज और सुगम बंद कर दिए जाएँगे?
- Date : 20/11/2022
- Read: 3 mins Rating : -->
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने आयकर भरने के लिए साझा आईटीआर फॉर्म (कॉमन आईटीआर फॉर्म) लाने का प्रस्ताव रखा है।
Common ITR Form: केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने आयकर भरने के लिए साझा आईटीआर फॉर्म का प्रस्ताव रखा है जिसमें क्रिप्टो करेंसी से प्राप्त मुनाफा भी दर्शाया जा सकेगा। आयकर भरने की प्रक्रिया में सुधार लाते हुए उसे और आसान बनाने की दिशा में यह एक महत्त्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। टैक्स पोर्टल या प्री फील्ड आईटीआर सभी के लिए एक साझा आईटीआर फॉर्म (कॉमन आईटीआर फॉर्म) का प्रस्ताव है। सीबीडीटी द्वारा इस विषय में सभी हितधारकों और नागरिकों से 15 दिसंबर तक म्युचुअल फंड के प्रकार सुझाव आमंत्रित किए गए हैं। इसका उद्देश्य कॉमन आईटीआर द्वारा कर भरने की प्रक्रिया को अधिक सुलभ बनाना है। साथ ही, अंतरराष्ट्रीय स्तर की कई अच्छे बिंदुओं को भी अपनाने का विचार है।
क्या है कॉमन आईटीआर फॉर्म
सीबीडीटी प्लान के साथ ही हितधारकों को सही फॉर्म चुनने की समस्या खत्म हो जाएगी। सभी करदाता अब एक ही कॉमन आईटीआर फॉर्म से टैक्स फाइल कर सकेंगे। इसे वन नेशन वन आईटीआर फॉर्म कहा जाएगा। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने जानकारी दी है कि ट्रस्ट और एनजीओ (गैर सरकारी संगठनों) को छोड़कर सभी करदाता इस साझा आईटीआर फॉर्म का इस्तेमाल कर सकते हैं।
एस आईटीआर फॉर्म में वर्चुअल डिजिटल असेट्स यानी क्रिप्टो करेंसी से प्राप्त लाभ को भी सम्मिलित किया जा सकेगा। सीबीडीटी के अनुसार आईटीआर-7 नवंबर के फार्म को छोड़कर अन्य सभी फॉर्म्स को मिलाकर कॉमन आईटीआर फॉर्म लाने का प्रस्ताव है। इसका उद्देश्य व्यक्तिगत और गैर कारोबारी करदाताओं के रिटर्न जमा करने की प्रक्रिया को आसान और तेज बनाना है।
यह भी पढ़ें: ७ वित्तीय नियम
क्या ‘सहज’ (Sahaj ITR form) और ‘सुगम’ (Sugam ITR form) खत्म हो जाएँगे?
नहीं। यदि आप यह सोचते हैं कि कॉमन म्युचुअल फंड के प्रकार आईटीआर फॉर्म आने से ‘सहज’ और ‘सुगम’ फार्म खत्म हो जाएँगे तो ऐसा नहीं होगा। आईटीआर फॉर्म-1 और 4 आगे भी उपलब्ध रहेंगे। करदाता चाहें तो मौजूदा म्युचुअल फंड के प्रकार फार्म आईटीआर 1 और आईटीआर 4 विकल्पों को चुनकर टैक्स फाइल कर सकते हैं।
अभी के आईटीआर फॉर्म
मौजूदा व्यवस्था के अनुसार अभी निम्न प्रकार के आईटीआर फॉर्म चलन में हैं,
आईटीआर फॉर्म-1 ‘सहज’ - ₹50 लाख तक की वार्षिक आमदनी के छोटे और मझोले करदाताओं के लिए। इसमें वेतन, मकान- संपत्ति के साथ अन्य स्रोत (ब्याज आदि) से प्राप्त होने वाली आमदनी शामिल है।
आईटीआर फॉर्म-2 – रेसिडेंशियल संपत्ति से प्राप्त आमदनी के लिए इस फार्म का उपयोग किया जाता है।
आईटीआर फॉर्म-3 - व्यापार या व्यवसाय से प्राप्त आमदनी के लिए प्रयोग में लाया जाता है।
आईटीआर फॉर्म-4 ‘सुगम’ - ₹50 लाख से अधिक वार्षिक आय वाले व्यक्तियों, हिंदू अविभाजित परिवारों एवं फर्म द्वारा उपयोग में लाया जाने वाला फॉर्म।
आईटीआर फॉर्म-5 और 6 - सीमित दायित्व की भागीदारी (LLP) एवं कारोबारियों द्वारा भरा जाने वाला फॉर्म।
आईटीआर फॉर्म-7 - गैर सरकारी संगठनों और ट्रस्ट के लिए निर्धारित फॉर्म।
Common ITR Form: केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने आयकर भरने के लिए साझा आईटीआर फॉर्म का प्रस्ताव रखा है जिसमें क्रिप्टो करेंसी से प्राप्त मुनाफा भी दर्शाया जा सकेगा। आयकर भरने की प्रक्रिया में सुधार लाते हुए उसे और आसान बनाने की दिशा में यह एक महत्त्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। टैक्स पोर्टल या प्री फील्ड आईटीआर सभी के लिए एक साझा आईटीआर फॉर्म (कॉमन आईटीआर फॉर्म) का प्रस्ताव है। सीबीडीटी द्वारा इस विषय में सभी हितधारकों और नागरिकों से 15 दिसंबर तक सुझाव आमंत्रित किए गए हैं। इसका उद्देश्य कॉमन आईटीआर द्वारा कर भरने की प्रक्रिया को अधिक सुलभ बनाना है। साथ ही, अंतरराष्ट्रीय स्तर की कई अच्छे बिंदुओं को भी अपनाने का विचार है।
क्या है कॉमन आईटीआर फॉर्म
सीबीडीटी प्लान के साथ ही हितधारकों को सही फॉर्म चुनने की समस्या खत्म हो जाएगी। सभी करदाता अब एक ही कॉमन आईटीआर फॉर्म से टैक्स फाइल कर सकेंगे। इसे वन नेशन वन आईटीआर फॉर्म कहा जाएगा। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने जानकारी दी है कि ट्रस्ट और एनजीओ (गैर सरकारी संगठनों) को छोड़कर सभी करदाता इस साझा आईटीआर फॉर्म का इस्तेमाल कर सकते हैं।
एस आईटीआर फॉर्म में वर्चुअल डिजिटल असेट्स यानी क्रिप्टो करेंसी से प्राप्त लाभ को भी सम्मिलित किया जा सकेगा। सीबीडीटी के अनुसार आईटीआर-7 नवंबर के फार्म को छोड़कर अन्य सभी फॉर्म्स को मिलाकर कॉमन आईटीआर फॉर्म लाने का प्रस्ताव है। इसका उद्देश्य व्यक्तिगत और गैर कारोबारी करदाताओं के रिटर्न जमा करने की प्रक्रिया को आसान और तेज बनाना है।
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क्या ‘सहज’ (Sahaj ITR form) और म्युचुअल फंड के प्रकार ‘सुगम’ (Sugam ITR form) खत्म हो जाएँगे?
नहीं। यदि आप यह सोचते हैं कि कॉमन आईटीआर फॉर्म आने से ‘सहज’ और ‘सुगम’ फार्म खत्म हो जाएँगे तो ऐसा नहीं होगा। आईटीआर फॉर्म-1 और 4 आगे भी उपलब्ध रहेंगे। करदाता चाहें तो मौजूदा फार्म आईटीआर 1 और आईटीआर 4 विकल्पों को चुनकर टैक्स फाइल कर सकते हैं।
अभी के आईटीआर फॉर्म
मौजूदा व्यवस्था के अनुसार अभी निम्न प्रकार के आईटीआर फॉर्म चलन में हैं,
आईटीआर फॉर्म-1 ‘सहज’ - ₹50 लाख तक की वार्षिक आमदनी के छोटे और मझोले करदाताओं के लिए। इसमें वेतन, मकान- संपत्ति के साथ अन्य स्रोत (ब्याज आदि) से प्राप्त होने वाली आमदनी शामिल म्युचुअल फंड के प्रकार है।
आईटीआर फॉर्म-2 – रेसिडेंशियल संपत्ति से प्राप्त आमदनी के लिए इस फार्म का उपयोग किया जाता है।
आईटीआर फॉर्म-3 - व्यापार या व्यवसाय से प्राप्त आमदनी के लिए प्रयोग में लाया जाता है।
आईटीआर फॉर्म-4 ‘सुगम’ - ₹50 लाख से अधिक वार्षिक आय वाले व्यक्तियों, हिंदू अविभाजित परिवारों एवं फर्म द्वारा उपयोग में लाया जाने वाला फॉर्म।
आईटीआर फॉर्म-5 और 6 - सीमित दायित्व की भागीदारी (LLP) एवं कारोबारियों द्वारा भरा जाने वाला फॉर्म।
आईटीआर फॉर्म-7 - गैर सरकारी संगठनों और ट्रस्ट के लिए निर्धारित फॉर्म।