भारत में इक्विटी में व्यापार कैसे करें

समर्थन क्या है?

समर्थन क्या है?
गूगल सर्च से प्राप्त परिणाम

Shivpal Yadav Security: शिवपाल यादव की घटाई गई सुरक्षा, क्या बहू डिंपल को समर्थन देना पड़ा भारी?

मैनपुरी उपचुनाव (Mainpuri Bypoll) में वोटिंग से पहले समर्थन क्या है? प्रसपा प्रमुख और समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के विधायक शिवपाल सिंह यादव (Shivpal Singh Yadv) की सुरक्षा में कटौती कर दी गई है.

By: ABP Live | Updated at : 28 Nov 2022 01:56 PM (IST)

(प्रसपा प्रमुख शिवपाल सिंह यादव)

Shivpal Yadav Security: उत्तर प्रदेश स्थित मैनपुरी उपचुनाव (Mainpuri Bypoll) के बीच प्रसपा प्रमुख शिवपाल सिंह यादव (Shivpal Singh Yadv) को एक झटका लगा है. समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) विधायक की सुरक्षा में कटौती कर दी गई है. शिवपाल यादव की सुरक्षा में कटौती के बाद अब जेड श्रेणी (Z Category) से वाई श्रेणी (Y Category) की सुरक्षा दी गई है.

राज्य स्तरीय सुरक्षा समिति की बैठक में शिवपाल सिंह यादव के सुरक्षा को लेकर फैसला लिया गया है. दरअसल, शिवपाल यादव को ये सुरक्षा योगी सराकर की मेहरबानी में साल 2018 में मिली थी. तब पहले उन्हें कैंप कार्यालय के लिए बड़ा बंगला दिया गया था और फिर अक्टूबर महीने में उन्हें Z सिक्योरिटी दे दी गई थी. जिसके बाद से प्रसपा प्रमुख लगातार जेड सिक्योरिटी के साथ ही चल रहे थे.

परिवार के साथ शिवपाल
हालांकि अब उनकी सिक्योरिटी को कम करके Y श्रेणी की कर दिया गया है. राज्य स्तरीय सुरक्षा समिति की बैठक में ये फैसला ऐसे वक्त में हुआ है, जब मैनपुरी उपचुनाव हो रहा है. इस चुनाव में सपा विधायक अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव के समर्थन में प्रचार कर रहे हैं. वहीं यादव कुनबे के फिर से एकजुट होने की खबर है.

News Reels

अब इस फैसले के बाद कई सवाल उठने लगे हैं. शिवपाल सिंह यादव की सुरक्षा में कटौती को राजनीतिक रूप से भी देखा जा रहा है. ऐसे में लोगों का मानना है कि डिंपल यादव का समर्थन क्या है? समर्थन चाचा शिवपाल को भारी पड़ा है. बता दें कि नेताजी के निधन के बाद मैनपुरी में उपचुनाव हो रहा है. इस चुनाव में पूरा यादव कुनबा एक साथ दिख रहा है.

इसके उपचुनाव में डिंपल यादव सपा की प्रत्याशी हैं. उनके लिए शिवपाल सिंह यादव पूरी जोर शोर से प्रचार कर रहे हैं. बता दें कि इस सीट पर पांच दिसंबर को वोटिंग होगी.

Published at : 28 Nov 2022 01:45 PM (IST) Tags: Samajwadi Party UP By-Election Shivpal Yadav Security हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News समर्थन क्या है? पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: States News in Hindi

समर्थन मूल्य पर बिक्री को यूपी से धान लाने की खुली छूट, सीमा पर सख्ती नहीं

स्लॉट की बुकिंग शुरू, 28 समर्थन क्या है? से होगी धान खरीदी, एक सप्ताह की होगी देरी, निगरानी बढ़ाने का निर्देश हवा .

Exemption to bring pady from UP for sale on support price, no strictness on border

सिंगरौली. समर्थन मूल्य पर धान खरीदी का निर्देश जारी हो गया है। 28 नवंबर से जिले के 53 केंद्रों पर खरीदी शुरू हो जाएगी। इसके लिए केंद्रों पर तैयारी शुरू हो गई है, लेकिन जिले की अंतरराज्यीय सीमा पर निगरानी बढ़ाने की कवायद ठंडी है। ऐसे में बिक्री के बावत यूपी से धान लाकर यहां भंडारण करने की खुली छूट मिली हुई है। चितरंगी के रास्ते यूपी से धान की खेप आनी भी शुरू हो गई है। पूर्व समर्थन क्या है? कलेक्टर ने करीब एक पखवाड़ा पहले ही सीमा पर सख्ती बढ़ाने का निर्देश दिया है।

जिला अपूर्ति अधिकारी पीसी चंद्रवंशी के मुताबिक धान की खरीदी 28 नवंबर से शुरू होकर 16 जनवरी समर्थन क्या है? तक समर्थन क्या है? चलेगी। मोटे आनज का उपार्जन एक दिसंबर से 31 दिसंबर तक चलेगा। खरीदी की प्रक्रिया समर्थन क्या है? पिछले वर्ष की तरह स्लॉट बुकिंग के माध्यम से होगी। स्लॉट की बुकिंग प्रक्रिया अभी से शुरू कर दी गई है। किसान पंचायत कार्यालय, उपार्जन केंद्र स्थल व मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से स्लाट बुक कर उपार्जन केंद्र पर धान की बिक्री शुरू कर सकते हैं। इसके आलावा एमपी ऑन लाइन कियोस्क, सीएसके कियोस्क, लोक सेवा केंद्र व इंटरनेट कैफे के माध्यम से भी 10 रुपए शुल्क देकर स्लाट की बुकिंग की जा सकती है।

अधिकारियों के मुताबिक उपार्जन के लिए स्लाट बुकिंग केवल एक बार की जा सकती है। इसकी वैधता सात दिनों तक रहेगी। किसानों को इस अवधि में केंद्र पर पहुंचकर धान की बिक्री करना होगा। निर्धारित अवधि में उपार्जन के लिए नहीं पहुंचने की स्थिति में किसान को दोबारा स्लॉट बुक समर्थन क्या है? करना होगा। इसके लिए अलग से प्रक्रिया निर्धारित की गई है।

- धान का समर्थन मूल्य 2040 रुपए प्रति क्विंटल

- ज्वार का समर्थन मूल्य 2970 रुपए प्रति क्विंटल

- बाजरा का समर्थन मूल्य 2350 रुपए प्रति क्विंटल

अधिकारियों के मुताबिक उपार्जन के बाद फसल का समर्थन मूल्य पूर्व की भांति किसानों के बैंक खाते में आएगा। जिन पंजीकृत किसानों के बंैक खाते सत्यापित नहीं हुए हैं, उन्हें एसएमएस के माध्यम से सूचना भेजी गई है। किसानों को बैंक में जाकर अपना खाता आधार से लिंक कराए। किसानों को उपज विक्रय के समय पंजीयन रशीद, स्लाट बुकिंग की पावती, आधार कार्ड व मोबाइल फोन अपने पास रखें।

- सुविधा के लिए किसान फसल की सफाई करके विक्रय केंद्र पर लाएं।

- केंद्र प्रभारी व किसान के बायोमैट्रिक ओटीपी से खरीदी पावती जारी होगी।

- किसान विक्रय के बाद अपनी खरीदी पावती प्राप्त होने के बाद सुरक्षित रखें।

क्या पश्चिम बंगाल में बीजेपी का समर्थन करने पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने की महिला के साथ बदसलूकी?

West Bengal Congress BJP

सोशल मीडिया पर दो तस्वीरों का एक कोलाज शेयर कर यह दावा किया जा रहा है कि पश्चिम बंगाल में भाजपा का समर्थन करने पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने महिला के साथ मारपीट तथा बदसलूकी की.

पश्चिम बंगाल की राजनीति में पिछले एक दशक से कांग्रेस तथा वाम दलों के प्रदर्शन में गिरावट आई है. लगातार तीन बार बहुमत हासिल कर तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्षा ममता बनर्जी सूबे की कमान संभाल रही हैं तो वहीं 2014 तथा 2019 के लोकसभा चुनावों में बेहतर प्रदर्शन करने वाली भाजपा का प्रभाव भी पश्चिम बंगाल में बढ़ा है. 2021 में हुए विधानसभा चुनावों में सरकार बनाने का असफल प्रयास कर रही भाजपा 77 सीटें जीतकर विधानसभा में मुख्य विपक्षी दल की भूमिका में ममता सरकार को कड़ी चुनौती दे रही है.

सोशल मीडिया पर टीएमसी, कांग्रेस, वाम दलों और भाजपा की आपसी प्रतिद्वंदता को लेकर सोशल मीडिया पर तमाम पोस्ट्स शेयर किए जाते हैं. इसी क्रम में कई यूजर्स दो तस्वीरों का एक कोलाज शेयर कर यह दावा कर रहें हैं कि पश्चिम बंगाल में भाजपा का समर्थन करने पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने महिला के साथ मारपीट तथा बदसलूकी की.

Fact Check/Verification

भाजपा का समर्थन करने पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा महिला के साथ मारपीट तथा बदसलूकी के नाम पर शेयर की जा रही इन तस्वीरों की पड़ताल के लिए हमने इनमें से एक को इमेज सर्च इंजन TinEye पर ढूंढा. इस प्रक्रिया में हमें raviwar.com नामक वेबसाइट पर 15 जुलाई 2012 को प्रकाशित एक लेख प्राप्त हुआ, जिसमें यह जानकारी दी गई है कि तस्वीर में दिख रही युवती का नाम लक्ष्मी उरांव है जिनको 24 नवंबर 2007 को गुवाहाटी के बेलतला में अमानवीय रूप से प्रताड़ित किया गया था. लेख में लक्ष्मी के सामाजिक कार्य एवं उनके चुनाव लड़ने में आई अड़चनों का भी ज़िक्र किया गया है. इसके साथ ही हमें यह जानकारी भी मिली कि वायरल कोलाज पिछले कई समर्थन क्या है? सालों से अलग-अलग दावों के साथ शेयर किया जा रहा है.

पश्चिम बंगाल में भाजपा का समर्थन करने पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने महिला के साथ मारपीट तथा बदसलूकी की.

TinEye सर्च से प्राप्त परिणाम

‘lakshmi oraon guwahati 2007’ कीवर्ड्स को गूगल पर ढूंढने पर हमें साल 2008 से 2012 के बीच The Telegraph, BBC, DNA India, India Today, Hindustan Times समेत अन्य कई मीडिया संस्थानों द्वारा प्रकाशित लेख प्राप्त हुए. इन रिपोर्ट्स के अनुसार 24 नवंबर 2007 को गुवाहाटी के बेलतला में विरोध प्रदर्शन के दौरान भीड़ ने लक्ष्मी उरांव को निर्वस्त्र कर उनके साथ मारपीट की थी. गौरतलब है कि साल 2001 से 2016 के बीच असम में कांग्रेस के तरुण गोगोई की सरकार थी.

गूगल सर्च से प्राप्त परिणाम

kafila.online द्वारा 18 जनवरी 2013 को प्रकाशित लेख में घटना का वीडियो भी मौजूद है. वीडियो के विवरण के अनुसार गुवाहाटी में हिंसक भीड़ ने असम विधानसभा से महज 100 मीटर की दूरी पर प्रदर्शनरत लक्ष्मी उरांव को निर्वस्त्र कर उनके साथ दुर्व्यवहार तथा मारपीट की थी.

Conclusion

इस प्रकार हमारी पड़ताल में यह बात साफ हो जाती है कि भाजपा का समर्थन करने पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा महिला के साथ मारपीट तथा बदसलूकी के नाम पर शेयर किया जा रहा यह दावा भ्रामक है. असल में वायरल तस्वीर 24 नवंबर 2007 की है जब गुवाहाटी के बेलतला में आदिवासी अधिकारों के लिए प्रदर्शन कर रही लक्ष्मी उरांव के साथ हिंसक भीड़ ने अमानवीय व्यवहार किया था.

Result: Partly False

Our Sources

Articles published by The Telegraph, BBC, DNA India, Hindustan Times, and India Today between 2008 and 2013
Articles published by raviwar.com and kafila.online between 2012 and 2013
YouTube video published by bonojit on 11 January, 2013

किसी संदिग्ध ख़बर की पड़ताल, संशोधन या अन्य सुझावों के लिए हमें WhatsApp करें: 9999499044 या ई-मेल करें: [email protected]

A self-taught social media समर्थन क्या है? maverick, Saurabh realised the power of social media early on and began following and analysing समर्थन क्या है? false narratives and ‘fake news’ even before he entered the field of fact-checking professionally. He is fascinated with the visual medium, technology and politics, and at Newschecker, where he leads social media strategy, he is a jack of all trades. With a burning desire to uncover the truth behind events that capture people's minds and make sense of the facts in the noisy world of social media, he fact checks misinformation in Hindi and English at Newschecker.

रेटिंग: 4.38
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 614
उत्तर छोड़ दें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा| अपेक्षित स्थानों को रेखांकित कर दिया गया है *