डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट के बीच अंतर

डीमैट अकाउंट - अर्थ, प्रकार, लाभ, डीमैट खाता ऑनलाइन कैसे खोलें
डीमैट अकाउंट - अर्थ, प्रकार, लाभ, डीमैट खाता ऑनलाइन कैसे खोलें
डीमैट खाता क्या है?
डीमैट खाता एक ऐसा खाता है जो निवेशकों को इलेक्ट्रॉनिक रूप में शेयरों या प्रतिभूतियों को रखने की अनुमति देता है। खरीदे गए शेयरों को डीमैट खाते में जमा किया जाता है और इसी तरह बिक्री के समय, प्रतिभूतियों को खाते से डेबिट किया जाता है। इस खाते का उपयोग शेयरों, ईटीएफ, म्यूचुअल फंड, बॉन्ड, सरकारी बॉन्ड, आदि जैसे निवेश का एक विस्तृत विकल्प रखने के लिए किया जाता है।
इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडों का न्यायिक उपयोग करने के लिए 1996 में शेयरों के डीमैटरियलाइजेशन की प्रक्रिया शुरू की गई थी। डीमैटरियलाइज्ड या डीमैट खाता इलेक्ट्रॉनिक मोड में शेयरों को रखने में मदद करता है और लोगों को सुरक्षित तरीके से बिक्री के मामले में शेयरों को खरीदने और आय एकत्र करने में मदद करता है।
डीमैट खाते के प्रकार:
डीमैट खाते की तीन अलग-अलग श्रेणियां हैं जो नीचे उल्लिखित हैं:
1. नियमित डीमैट खाता
नियमित डीमैट खाता एक प्रकार का डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट के बीच अंतर डीमैट खाता है जो उन निवेशकों या व्यापारियों के लिए उपयुक्त है जो भारतीय निवासी हैं।
2. प्रत्यावर्तनीय डीमैट खाता
प्रत्यावर्तनीय डीमैट खाता एक प्रकार का डीमैट खाता है जो उन निवेशकों या व्यापारियों के लिए उपयुक्त है जो अनिवासी भारतीय (NRI) हैं। इस प्रकार डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट के बीच अंतर का डीमैट खाता विदेशों में पूंजी स्थानांतरित करने की अनुमति देता है। हालांकि, गैर-निवासी एक्सटर्नल (NRE) बैक खाते की आवश्यकता है।
3. गैर-प्रत्यावर्तनीय डीमैट खाता
गैर-प्रत्यावर्तनीय डीमैट खाता एक प्रकार का डीमैट खाता है जो फिर से अनिवासी भारतीयों (NRI) के लिए उपयुक्त है, लेकिन विदेशों में धन का हस्तांतरण नहीं हो सकता है। इस प्रकार के डीमैट खाते के साथ संबद्ध होने के लिए एक अनिवासी आयुध (NRO) बैंक खाते की आवश्यकता होती है।
डीमैट खाते के लाभ:
डीमैट खाते के कई लाभ हैं जो नीचे उल्लिखित हैं:
1. सुगमता
डीमैट खाते नेट बैंकिंग के माध्यम से निवेश और लेनदेन के स्टेटमेंट की आसान पहुंच प्रदान करते हैं। डीमैट खाते के माध्यम से लेनदेन और निवेश का विवरण आसानी से ट्रैक किया जा सकता है।
2. प्रतिभूतियों का सरल डिमटेरियलाइजेशन
डिपॉजिटरी प्रतिभागी (DP) के अनुरोध पर, भौतिक रूप में प्रमाणपत्र आसानी से इलेक्ट्रॉनिक रूप में परिवर्तित किए जा सकते हैं, और इसका विपरीत भी संभव है।
3. कम जोखिम
भौतिक रूप में प्रतिभूतियों को रखने से चोरी या नुकसान का जोखिम होता है। लेकिन इन जोखिमों को पूरी तरह से डीमैट खाते के माध्यम से खारिज कर दिया जाता है जो निवेशक को इलेक्ट्रॉनिक रूप में प्रतिभूतियों को संग्रहीत करने देता है।
4. शेयरों के हस्तांतरण में आसानी
ट्रेडों पर शेयरों का हस्तांतरण भी डीमैट खाते के माध्यम से एक बहुत ही सरल प्रक्रिया बन गई है क्योंकि भौतिक प्रतिभूतियों जैसे स्टैंप ड्यूटी और अन्य शुल्कों में किए गए कुछ खर्चों को समाप्त कर दिया गया है। निवेशक के खाते में स्थानांतरण के लिए ली गई कुल लागत और समय भी कम हो गया है।
5. शेयरों का नकदीकरण
डीमैट खातों के माध्यम से शेयरों का नकदीकरण या बिक्री एक बहुत ही सरल और त्वरित प्रक्रिया बन गई है।
6. प्रतिभूतियों के आदान-प्रदान में ऋण
डीमैट खाता धारक खाते में रखी प्रतिभूतियों के बदले आसानी से ऋण प्राप्त कर सकता है। दूसरे शब्दों में, डीमैट खाते में प्रतिभूतियों का उपयोग ऋण प्राप्त करने के लिए संपार्श्विक के रूप में किया जा सकता है।
7. वैश्वीकरण का पहलू
डीमैट खाते वैश्विक निवेशकों को भारतीय शेयर बाजारों तक सरल पहुंच प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। और इसलिए, देश में विदेशी निवेश प्राप्त करने में मदद करता है।
ऑनलाइन डीमैट खाता कैसे खोलें?
डीमैट खाता खोलना, एक बहुत ही सरल और परेशानी रहित प्रक्रिया है। खाता खोलने के चरण नीचे दिए गए हैं:
1. डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (DP) सेलेक्ट करें।
2. आवश्यक विवरण के साथ खाता खोलने का फॉर्म भरें और इसके साथ आवश्यक दस्तावेज जमा करें। डीमैट खाता खोलने के लिए पैन कार्ड अनिवार्य है।
3. फॉर्म जमा करने के बाद, नियमों और विनियमों की प्रतिलिपि, समझौते की शर्तें, शुल्क जमाकर्ता प्रतिभागी द्वारा प्रदान किए जाएंगे।
4. इन-पर्सन सत्यापन भी अनिवार्य है और इसलिए, डीपी अधिकारी कर्मचारियों के एक सदस्य को खाता खोलने के रूप में प्रदान किए गए विवरण को सत्यापित करने के लिए व्यक्ति से संपर्क करना होगा।
5. सत्यापन के बाद, डीपी स्टाफ का सदस्य एक खाता संख्या या ग्राहक आईडी देगा। इन विवरणों को ऑनलाइन भी चेक किया जा सकता है।
6. डिमैट खाते के लिए एक वार्षिक रखरखाव शुल्क भी लिया जाता है जो खाता लेनदेन शुल्क को कवर करता है। ये शुल्क डीपी द्वारा निर्धारित संरचना के अनुसार लागू होते हैं।
डीमैट खाता - अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. डीमैट खाते कितने प्रकार के होते हैं?
डीमैट खाते तीन प्रकार के होते हैं: नियमित डीमैट खाता, प्रत्यावर्तनीय डीमैट खाता और गैर-प्रत्यावर्तनीय डीमैट खाता।
2. क्या डीमैट खाते के माध्यम से ऋण लिया जा सकता है?
डीमैट खाताधारक अपने खाते में रखी प्रतिभूतियों के माध्यम से आसानी से ऋण प्राप्त कर सकते हैं।
3. डीमैट खाते में प्रतिभूतियों का न्यूनतम बैलेंस क्या है?
डीमैट खाते में आवश्यक प्रतिभूतियों की कोई न्यूनतम शेष राशि नहीं है।
4. DP क्या है?
DP का डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट के बीच अंतर अर्थ है डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट्स जो NSDL और CDSL जैसी डिपॉजिटरी के बीच मध्यस्थ का काम करते हैं। एक बैंक के समान, व्यापारी अपने डीमैट खाते को DP के साथ अन्य सुविधाओं के साथ खोल सकते हैं जो उन्हें निवेश या व्यापार करने की सुविधा प्रदान करते हैं।
5. क्या पार्ट डीमैटरियलाइजेशन की अनुमति है?
हां, निवेशक अपनी होल्डिंग को पूरी तरह या आंशिक रूप से डीमैटरियलाइज कर सकते हैं।
प्राइमरी और सेकेंडरी मार्केट में क्या अंतर है? कैसे होता है इसमें निवेश
प्राइमरी मार्केट में नए शेयर और बांड जारी किए जाते हैं, जबकि सेकेंडरी मार्केट में पहले से जारी शेयरों और बांडों की बिक्री और खरीद होती है.
TV9 Bharatvarsh | Edited By: मनीष रंजन
Updated on: Oct 20, 2022 | 12:51 PM
यदि आप शेयर मार्केट में निवेश करना चाहते हैं तो आपको पहले प्राइमरी और सेकेंडरी मार्केट के बीच के अंतर को समझना होगा . शेयर मार्केट के एक्सपर्ट आमतौर पर प्राइमरी और सेकेंडरी मार्केट जैसे शब्दों का इस्तेमाल करते हैं . आपने भी प्राइमरी और सेकेंडरी मार्केट के बारे में अक्सर सुना होगा . क्या आप जानते हैं इनका क्या मतलब होता है और इनमें क्या अंतर है ? दरअसल शेयर मार्केट दो तरह के होते हैं – प्राइमरी मार्केट और सेकेंडरी मार्केट . क्या आपको पता है कि दोनों मार्केट एक दूसरे से कैसे अलग हैं ?
प्राइमरी मार्केट
नई सिक्योरिटीज जैसे नए शेयर और बांड प्राइमरी मार्केट में जारी किए जाते हैं . प्राइमरी मार्केट में कंपनियां निवेशकों को शेयर बेचती हैं और पैसा जुटाती हैं . प्राइमरी मार्केट में सीधे कंपनी और निवेशकों के बीच लेनदेन होता है . ऐसे कई अलग डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट के बीच अंतर – अलग तरीके हैं जिनके माध्यम से एक कंपनी प्राइमरी मार्केट से पूंजी जुटा सकती है . इनमें पब्लिक इश्यू (IPO), प्राइवेट प्लेसमेंट और राइट्स इश्यू शामिल हैं .
जब कोई कंपनी स्टॉक एक्सचेंज के जरिए अपनी कुछ हिस्सेदारी बेचकर पहली बार निवेशकों से पैसा जुटाती है तो उसे ऐसा करने के लिए एक IPO लॉन्च करना पड़ता है . प्राइमरी मार्केट में निवेश करने के लिए आपके पास एक डीमैट अकाउंट होना चाहिए जिसे ब्रोकरेज हाउस या बैंकों के साथ खोला जा सकता है . ऐसा ही एक प्लेटफॉर्म है 5 पैसा ( https://www.5paisa.com/open-demat-account ) जहां आप डीमैट अकाउंट खोल सकते हैं . इस प्रक्रिया के जरिए कंपनी स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट हो जाती है . कंपनी का प्राइमरी मार्केट में प्रवेश ( एंटर ) करने का मुख्य मकसद पैसा जुटाना होता है . प्राइमरी मार्केट में निवेशक केवल शेयर खरीद सकते हैं बेच नहीं सकते . खरीदे गए शेयरों को बेचने के लिए उन्हें सेकेंडरी मार्केट में जाना पड़ता है .
सेकेंडरी मार्केट बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) जैसे स्टॉक एक्सचेंज सेकेंडरी मार्केट हैं , जहां आप IPO के दौरान खरीदे गए शेयरों को बेच सकते हैं . इस मार्केट में किसी लिस्टेड कंपनी के शेयर खरीदे और बेचे जाते हैं . जब हम स्टॉक एक्सचेंज में शेयर खरीदते और बेचते हैं तब हम सेकेंडरी मार्केट में ट्रेडिंग कर रहे होते हैं . सेकेंडरी मार्केट में निवेशकों ( खरीदारों और विक्रेताओं ) के बीच पैसे और शेयरों का आदान – प्रदान ( एक्सचेंज ) किया जाता है . कंपनी सेकेंडरी मार्केट में होने वाले लेनदेन ( ट्रांजेक्शन ) में शामिल नहीं है . सेकेंडरी मार्केट को “ आफ्टर मार्केट ” भी कहा जाता है क्योंकि जो शेयर पहले ही जारी किए जा चुके हैं , उनका कारोबार यहां होता है .
शेयर बाजार में कैसे करें निवेश की शुरुआत
शेयर बाजार में कैसे करें निवेश की शुरुआत दोस्तों बहुत से ऐसे लोग हैं जो शेयर बाजार में कम लागत से शुरुआत करना चाहते हैं. लेकिन उनको लगता है शेयर बाजार में निवेश करने के लिए बहुत से पैसों की आवश्यकता होती है। तो जो लोग इस विचारधारा से आए हैं कि शेयर बाजार में निवेश करने के लिए बोहोत से पैसों की आवश्यकता होती है।
तो मैं उनको बता दूं ऐसा बिल्कुल नहीं है, आप प्रति माह ₹500 या ₹1000 से निवेश की शुरुआत कर सकते हैं, लेकिन आपको पता होना चाहिए ₹1000 से आखिर शेयर बाजार में कैसे करें निवेश की शुरुआत, तो इस लेख में हमने आपको शेयर मार्केट में निवेश कैसे करें, इसके बारे में विस्तार से और सरल तरीके से बताया है जिसे आपको अंत तक जरूर पढ़ना चाहिए
डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट खोलें
शेयर बाजार में निवेश शुरू करने के लिए सबसे पहले आपको एक डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट की आवश्यकता होगी, डिमैट अकाउंट यानी आप किसी भी कंपनी के शेयर को खरीद लेते हो. तो उस खरीदे हुए शेयर को रखने के लिए आपको डिमैट अकाउंट कि आवश्यकता होगी
ट्रेडिंग अकाउंट यानि आप किसी भी कंपनी के शेयर को जब खरीदना चाहते हो. तो उस शेयर की कीमत को चुकता करने के लिए आपको ट्रेडिंग अकाउंट की आवश्यकता होगी।
लेकिन सबसे पहले आपको अपने बैंक अकाउंट के पैसे को ट्रेडिंग अकाउंट में ऐड करने होंगे। ताकि आप किसी भी शेयर को आसानी से खरीद सके और किसी भी शेयर को बेचकर ऊस राशीं को ट्रेडिंग अकाउंट मे जमा कर सके
डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट ओपन करने के लिए आपको एक ब्रोकर्स की आवश्यकता होगी, इंडिया में बहोत से ऐसे brokers है जो यह दोनों अकाउंट फ्री में या पैसे लेकर खोलकर देते हैं ।
लेकिन आपको उसी ब्रोकर से यह दोनों अकाउंट खोलने होंगे जिनकी ब्रोकरेज चार्ज बहुत ही कम मात्रा में हो, हमने नीचे भारत के सबसे अच्छे ब्रोकर्स की लिस्ट बताई है जिनकी ब्रोकरेज चार्ज बहुत ही कम है और उनपर भरोसा भी किया जा सकता है।
डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के लिए जिन उपयोगी डाक्यूमेंट्स की जरूरत होती है उनकी लिस्ट नीचे दी गई है
6 महीने कि बैंक अकाउंट स्टेटमेंट
एक सही कंपनी का चुनाव करना
शेयर बाजार में किसी भी शेयर में निवेश करने से पहले आपको एक सही कंपनी का चुनाव करना आना चाहिए क्योंकि एक सही कंपनी का चुनाव करने से आपको नुकसान बहुत ही कम मात्रा में हो सकता है
एक सही कंपनी का चुनाव करने के लिए आपको उस कंपनी के ट्रेक रिकॉर्ड,प्रोडक्ट, सर्विस,मैनेजमेंट, और वह कंपनी मार्केट में कितने सालोंसे है, और कितने परसेंट से उसकी ग्रोथ बढ़ रही है। साथ ही उस कंपनी का कस्टमर सेटिस्फेक्शन कैसा है
यह सब देखकर अगर आपको लगता है यह कंपनी लंबे समय तक डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट के बीच अंतर निवेश करने के लिए सही साबित हो सकती है तो आप उसमें लंबे समय तक निवेश कर सकते हैं और अच्छा रिटर्न कमा सकते हैं
कम निवेश से शुरुआत करें
शेयर बाजार में ऐसे बोहोत से लोग हैं जिनकी विचारधारा करोड़पति बनने की होती है वो उसी विचारधारा से बड़ी पूंजी के साथ एक ही दीन मे बोहोत ज्यादा शेयर में निवेश करते हैं, उन्हें कुछ दिन तो अच्छा प्रॉफिट तो होता है लेकिन उनको शेयर बाजार की जानकारी ना होने के कारण लालच में आकर अपना पूरा पैसा लगा देते हैं
और जब शेयर की प्राइस घट जाती है तो उनको नुकसान होता है वह शेयर बाजार एक जुआ है समझ कर छोड़ देते हैं इसीलिए शेयर बाजार में शुरुआत में आपको कम ही पूंजी से काम चलाना चाहिए ताकि डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट के बीच अंतर आपको उससे बहुत कुछ सीखने को मिले और ज्यादा नुकसान न उठाना पड़े इसीलिए शेयर बाजार में कम पूंजी के साथ ही शुरुआत करे
निर्धारित लक्ष्य बनाए रखें
जब भी आप शेयर मार्केट में निवेश करोगे तो आपको एक निर्धारित लक्ष्य के साथ निवेश करना चाहिए ऐसा करने से आप अपना प्रॉफिट और लॉस दोनों सीमित रख सकते हैं खुदके रिसर्च किए गए स्टॉक में निवेश करें किसी भी शेयर मार्केट टिप्स के चलते निवेश ना करें ध्यान दे ज्यादा से ज्यादा कंपनी के बारे में आपको रिसर्च करनी चाहिए और जब भी ट्रेडिंग करोगे तो आप अपना प्रॉफिट बुक करें और स्टॉपलॉस जरूर लगाए
भावनाओं पर नियंत्रण रखें
कुछ लोग किसी स्टॉक को लंबे समय तक रखने के लिए निवेश करते हैं, ताकि आगे चलके वो स्टॉक ज्यादा रिटर्न दे सके लेकिन जब भी किसी stock का प्राइस घट जाता है तो वह लोग भावनाओं के बाहाव में आकर उस स्टॉक को sale कर देते हैं
लेकिन कुछ ही दिनों में वही स्टॉक की प्राइस बढ़ जाती है और ऐसे लोगों को बहोत ही भारी मात्रा मे नुकसान और अफसोस होता है, तो जब भी निवेश करें तो एक निर्धारित लक्ष्य के साथ और भावनाओं पर नियंत्रण रखने के साथ-साथ निवश करे
निष्कर्ष
शेयर बाजार में कैसे करें निवेश की शुरुआत इस लेख में हमने आपको बहुत ही बेसिक डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट के बीच अंतर से जानकारी दी है लेकिन आपको और भी कुछ जानकारी हासिल करनी होगी तभी आप एक सफल इन्वेस्टर बन सकते हैं आपको
अलग-अलग प्रकार के course खरीदने होंगे और अच्छे सेमिनार को अटेंड करना होगा ताकि आप बड़ी जल्दी से सीख पाए अगर आपको इस लेख में कुछ सीखने समझने को मिला है तो आप इसे शेयर जरूर करें
नमस्ते दोस्तों आपका स्वागत है आपको इस website पर शेयर मार्केट, म्यूचल फंड, शेयर प्राइस टारगेट, इन्वेस्टमेंट,से जुड़ी सभी प्रकार की जानकारी रिसर्च के साथ हिंदी मे दी जाएगी
क्या आप अपने शेयरों को एक डीमैट से दूसरे डीमैट में ट्रांसफर करना चाहते हैं? | DEMAT TRANSFER
Demat Transfer – शेयर बाज़ार में पैसा लगाने के लिए डीमैट अकाउंट होना बहुत जरूरी है। आप डीमैट खाते के बिना कोई भी शेयर खरीद या व्यापार नहीं कर सकते। डीमैट खाते के माध्यम से व्यापार करना बैंक खाते के माध्यम से लेनदेन करने जैसा है। फर्क सिर्फ इतना है कि आप पैसे के बजाय डीमैट खाते के जरिए शेयर ट्रांसफर करते हैं।
डीमैट के साथ सबसे महत्त्वपूर्ण बात यह है कि आप एक से अधिक खाते खोल सकते हैं और अपने शेयर या होल्डिंग को अलग-अलग डीमैट खातों में रख सकते हैं। लेकिन अगर आप अपने सभी शेयर एक खाते में ट्रांसफर करना चाहते हैं तो आपके पास वह विकल्प भी डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट के बीच अंतर है।
अगर आप अपना डीमैट अकाउंट ट्रांसफर करना चाहते हैं तो नीचे क्लिक करें
IPO INVEST के मुताबिक, एक डीमैट खाते से दूसरे डीमैट खाते में शेयरों को स्थानांतरित करने का तरीका आसान है, हालांकि इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं। कभी-कभी एक साथ कई डीमैट खाते चलाने से उनके रखरखाव में समस्या आती है। कई लोग ब्रोकरेज राशि को बचाने के लिए शेयर ट्रांसफर भी करते हैं।
आप शेयरों को एक डीमैट खाते से दूसरे में स्थानांतरित करना चाह सकते हैं। ऐसा करने के कई कारण हो सकते हैं। उनमें से कुछ हैं:
डीमैट अकाउंट ट्रांसफर करने के कारण- Reasons to transfer Demat Account
1. आपके पास कई डीमैट खाते हो सकते हैं और आप सभी शेयरों को एक ही खाते में समेकित करना चाहेंगे।
2. यह बिल्कुल विपरीत हो सकता है: आप अलग-अलग खातों में शेयरों को अलग करना चाह सकते हैं। यह आमतौर पर सेवानिवृत्ति या बच्चों की शिक्षा या शादी जैसी लंबी अवधि की योजनाओं के लिए किया जाता है।
3. आप अपनी वर्तमान ब्रोकरेज राशि को बचाने के लिए अपने वर्तमान ब्रोकर से डिस्काउंट ब्रोकर में स्विच करना चाह सकते हैं।
4. आप अपनी ट्रेडिंग राशि को बढ़ाने के लिए दैनिक आधार पर अधिक रिपोर्ट और सुझाव प्राप्त करने के लिए एक पूर्ण सेवा दलाल के पास स्विच करना चाह सकते हैं।
शेयरों को एक डीमैट खाते से दूसरे में स्थानांतरित करने की प्रक्रिया – How to do Demat transfer
हमें पहले भारत में दो राष्ट्रीय डिपॉजिटरी के आधार पर दो प्रकार के ट्रांसफर के बीच अंतर करना चाहिए: एनएसडीएल और सीडीएसएल।
1. इंट्रा-डिपॉजिटरी ट्रांसफर: अगर ट्रांसफर डिपॉजिटरी के भीतर ही होता है, तो इसे इंट्रा-डिपॉजिटरी ट्रांसफर कहा जाता है।
2. इंटर-डिपॉजिटरी ट्रांसफर: यह तब मान्य होता है जब ट्रांसफर एक डिपॉजिटरी से दूसरे डिपॉजिटरी में होता है।
सभी शेयरों को या तो मैन्युअल रूप से या ऑनलाइन स्थानांतरित किया जा सकता है।
मैनुअल प्रक्रिया – Manual Process to Transfer shares from One Demat Account to another Demat Account
मैनुअल प्रक्रिया के लिए, आपको अपने ब्रोकर से डिलीवरी इंस्ट्रक्शन स्लिप (डीआईएस) प्राप्त करनी होगी। डीआईएस में कुछ अनिवार्य फ़ील्ड हैं जिन्हें शेयरों के हस्तांतरण के लिए भरा जाना चाहिए।
1. लाभार्थी स्वामी आईडी (बीओ आईडी) : यह ब्रोकर की 16 अंकों की आईडी है। स्लिप में आपको मौजूदा और नए दोनों ब्रोकरों की आईडी देनी होगी।
2. अंतर्राष्ट्रीय प्रतिभूति पहचान संख्या (आईएसआईएन) : डीमैट खाते में आपके प्रत्येक शेयर की पहचान करने के लिए यह एक विशिष्ट आईडी संख्या है। इस संख्या का स्पष्ट रूप से उल्लेख करने की आवश्यकता है कि किन शेयरों को वास्तव में स्थानांतरित किया जाना है।
3. ट्रांसफर का तरीका: अगर ट्रांसफर इंट्रा-डिपॉजिटरी होता है, तो आपको ‘ऑफ मार्केट ट्रांसफर’ विकल्प चुनना होगा। अन्यथा, यह ‘इंटर-डिपॉजिटरी ट्रांसफर’ होगा।
एक बार जब आप फॉर्म में उपर्युक्त सभी फ़ील्ड को स्पष्ट रूप से भर देते हैं, तो आपको फॉर्म के नीचे अपना हस्ताक्षर करना होगा। हस्ताक्षर डीपी के डेटाबेस में दिए गए हस्ताक्षर से बिल्कुल मेल खाना चाहिए। इसके बाद, आपको इसे मौजूदा ब्रोकर के पास जमा करना होगा। आपको यह तय करने में एक या दो दिन लग सकते हैं कि कौन से शेयर नए डीमैट खाते में ट्रांसफर किए जाएँ।
ब्रोकर इस हस्तांतरण के डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट के बीच अंतर लिए कुछ शुल्क लगा सकता है। राशि एक ब्रोकर से दूसरे ब्रोकर में भिन्न हो सकती है। हालाँकि, यदि आप डीमैट खाता बंद करते हैं, तो ब्रोकर कोई शुल्क नहीं ले सकता है।
ऑनलाइन प्रक्रिया:- Online Process to Transfer shares from One Demat Account to another Demat Account
सीडीएसएल में एक डीमैट खाते से दूसरे डीमैट खाते में शेयरों को ऑनलाइन स्थानांतरित करने में आपकी मदद करने के लिए ईएएसआईईएसटी नामक एक सुविधा है। शुरू करने से पहले आपको इस वेबसाइट पर अपना पंजीकरण कराना होगा। प्रक्रिया निम्नलिखित में उल्लिखित है:
1. ‘रजिस्टर ऑनलाइन’ लिंक पर क्लिक करें
2. EASIEST विकल्प चुनें
3. विवरण भरें
4. एक प्रिंटआउट लें और डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (डीपी) को दें।
5. डीपी इसे आगे केंद्रीय डिपॉजिटरी को भेजेगा, जो आपके विवरण को सत्यापित करेगा। आपको कुछ दिनों के भीतर अपने ईमेल में लॉगिन क्रेडेंशियल मिल जाएंगे।
6. लॉगिन करें और अपनी ब्रोकर सूची देखें। अब, आप अपने शेयरों को स्थानांतरित कर सकते हैं।
डीमैट खाता प्राप्त करने के लिए यहां क्लिक करें–
शेयरों को स्थानांतरित करते समय कर के निहितार्थ:
शेयरों को एक ही व्यक्ति या अलग-अलग व्यक्तियों के विभिन्न डीमैट खातों में स्थानांतरित किया जा सकता है। एक ही व्यक्ति को शेयरों के हस्तांतरण के मामले में, कोई अतिरिक्त कर देयता नहीं होगी।
ध्यान दें कि पूंजीगत लाभ कर की गणना स्टॉक की खरीद की प्रारंभिक तिथि से की जाएगी। स्थानांतरण की तारीख इसे प्रभावित नहीं करेगी।
मान लीजिए आप अलग-अलग व्यक्तियों के खाते में शेयर ट्रांसफर करते हैं। आपको इस तरह के तबादलों का कारण स्पष्ट रूप से बताना होगा। यदि स्थानांतरण उपहार विलेख के माध्यम से समर्थित है और सीमा से अधिक नहीं है, तो कोई अतिरिक्त कर देयता नहीं होगी। यहाँ टैक्स देनदारी मूल खरीद की तारीख से होगी। इसका पता ऑडिट ट्रेल से लगाया जा सकता है।
यदि आप उन शेयरों को स्थानांतरित करते हैं जो आपको शुरू में डीमैट हस्तांतरण के माध्यम से प्राप्त हुए हैं, तो आप पूंजीगत लाभ कर के लिए उत्तरदायी होंगे।
Trading Account Kya hai? | ट्रेडिंग एकाउंट कैसे खोले? | Trading Account Kaise Khole?
Trading Account in Hindi: बहुत से लोग डीमैट एकाउंट और (Demat Account) और ट्रेडिंग एकाउंट (Trading Account) को एक ही समझते है। लेकिन दोनों में अंतर है। इस लेख में आप जनेंगे कि Trading Account Kya Hai? (What is Trading Account in Hindi) और Trading Account Kaise Khole? (How To डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट के बीच अंतर Open a Trading Account in Hindi)
Trading Account in Hindi: अगर आप शेयर मार्केट से जुड़े हैं तो आपने ट्रेडिंग अकाउंट (Trading Account) के बारे में तो सुना ही होगा। अक्सर एक ट्रेडिंग एकाउंट डे ट्रेडर का मुख्य खाता होता है। Trading Account का उपयोग नियमित रूप से इक्विटी शेयर खरीदने और बेचने के लिए किया जाता है। जैसे-जैसे इंटरनेट दुनिया के हर पहलू पर कब्जा कर रहा है, वैसे ही स्टॉक एक्सचेंज सिस्टम भी अब ऑनलाइन ट्रांजेक्शन में बदल गई है। तो स्टॉक का ऑर्डर देने के लिए, आप एक ट्रेडिंग खाता खोल सकते हैं, और एक रजिस्टर्ड स्टॉक मार्केट ब्रोकर की मदद से, आप आसानी से ट्रेडिंग कर सकते है।
अब बहुत से लोग डीमैट एकाउंट और (Demat Account) और ट्रेडिंग एकाउंट (Trading Account) को एक ही समझते है। लेकिन दोनों में अंतर है। इस लेख में हम यह समझेंगे कि दोनों के बीच क्या अंतर है। यह भी जनेंगे कि Trading Account Kya Hai? (What is Trading Account in Hindi) और Trading Account Kaise Khole? (How To Open a Trading Account in Hindi)
ट्रेडिंग अकाउंट क्या है? | Trading Account Kya Hai? | What is Trading Account in Hindi
Trading Account in Hindi: ट्रेडिंग एकाउंट अनिवार्य रूप से एक ऐसा खाता है जिसका उपयोग आप सिक्योरिटीज में ट्रांजेक्शन करते समय कर सकते हैं। अगर आपके पास ऐसे एसेट है जिसे आप बेचना या खरीदना चाहते हैं, तो आप एक Trading Account के साथ बहुत आसानी से ऐसा कर सकते हैं। यह प्रक्रिया न केवल सुविधाजनक है बल्कि सुरक्षित भी है और बिना किसी परेशानी के शेयर मार्केट में निवेश करने में मदद करती है।
डिजिटल युग आने से पहले निवेशकों सिस्टम के माध्यम से व्यापार किया करते थे जहां वे वर्बल कम्युनिकेशन या हाथ के इशारों का उपयोग करते थे, लेकिन अब इंटरनेट के आ जाने से यह सुविधा बहुत ही आसान और सुलभ हो गई हैं।
डीमैट बनाम ट्रेडिंग अकाउंट | Demat vs trading Account
डीमैट एकाउंट (Demat Account) आपको अपने शेयर, बांड, ईटीएफ आदि को इलेक्ट्रॉनिक रूप से स्टोर करने की अनुमति देते हैं, जबकि एक ट्रेडिंग खाता आपको सिक्योरिटीज को खरीदने और बेचने के लिए इंटरफेस प्रदान करता है।
Demat आपको किसी भी पॉइंट पर आपके शेयरों और सिक्योरिटीज का पूरा अधिकार दिखाता है, जबकि Trading Account आपके कुल ट्रांजेक्शन को दर्शाता हैं।
निवेशकों के लिए एक Trading Account आपके Demat और बैंक खाते के बीच एक ब्रिज का काम करता है। अगर आप शेयर खरीदना चाहते हैं, तो आप अपने Trading Account के माध्यम से ऐसा कर सकते हैं। यह ट्रांजेक्शन स्टॉक एक्सचेंज में प्रोसेस्ड हो जाता है।
यह हो जाने के बाद, आपके डीमैट खाते में आपके द्वारा खरीदे गए शेयरों की संख्या क्रेडिट हो जाएगी और आपके बैंक एकाउंट से राशि काट ली जाएगी। जब आप कुछ बेचना चाहते हैं, तो इस प्रक्रिया का उल्टा होता है। आप उन शेयरों की संख्या चुनते हैं जिन्हें आप बेचना चाहते हैं और अपने ट्रेडिंग एकाउंट के माध्यम से बिक्री काआदेश पोस्ट करें। जब स्टॉक एक्सचेंज में लेन-देन पूरा हो जाएगा, तो आपके डीमैट एकाउंट से उतने ही शेयर काट लिए जाएंगे। फिर उन शेयरों के लिए आनुपातिक राशि आपके बैंक एकाउंट में जमा हो जाएगी।
ट्रेडिंग एकाउंट के प्रकार | Types of Trading Account in Hindi
मुख्य रूप से ट्रेडिंग एकाउंट दो प्रकार के होते हैं। आप अपनी आवश्यकताओं के अनुसार किसी एक को चुन सकते हैं -
2) मानक ट्रेडिंग खाता (Standard Trading Account)
इसे सिक्योरिटीज ट्रेडिंग अकाउंट के रूप में भी जाना जाता है। इसके माध्यम से आप इक्विटी, EFT, म्यूचुअल फंड, F&O, करेंसी फ्यूचर्स और इंट्राडे ट्रेडिंग प्लस डिलीवरी का व्यापार करने में सक्षम होंगे। अगर आप एक शार्ट टर्म इन्वेस्टर हैं तो आप इस Trading Account का उपयोग अपने फंड को अधिक बार निवेश करने के लिए कर सकते हैं।
2) कमोडिटी ट्रेडिंग अकाउंट (Commodity Trading Account)
अगर आप कच्चे तेल, सोना, चांदी या तांबे जैसी वस्तुओं का व्यापार करने की योजना बनाते हैं, डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट के बीच अंतर तो आपको एक कमोडिटी ट्रेडिंग एकाउंट (Commodity Trading Account) खोलना होगा। कमोडिटी ट्रेडिंग एकाउंट खोलने के लिए आपको कमोडिटी ब्रोकर की आवश्यकता होगी। ब्रोकर की मदद से आप कमोडिटी फ्यूचर्स में ट्रेड करने के लिए अपने कमोडिटी ट्रेडिंग अकाउंट का इस्तेमाल कर पाएंगे। इस एकाउंट को डीमैट एकाउंट से जोड़ने की जरूरत नहीं है।
याद रखें कि एक इन्वेस्टर ब्रोकर के माध्यम से केवल एक ट्रेडिंग एकाउंट खोल सकता है। कई ट्रेडिंग एकाउंट खोलने के लिए आपको कई ब्रोकर्स की भी जरूरत होगी।
ट्रेडिंग एकाउंट के लाभ डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट के बीच अंतर | Benefits of Trading Account in Hindi
ट्रेडिंग अकाउंट के कई फायदे हैं, जो नीचे बताएं गए है -
- एक ट्रेडिंग एकाउंट आपके सभी इन्वेस्टमेंट को एक ही मंच पर लाएगा। आप इस एक एकाउंट के माध्यम से अपने सभी एक्सचेंजों तक पहुंच सकते हैं। प्रक्रिया तेज और टेंशन फ्री हो जाती है।
- ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म अपने ग्राहकों को महत्व देते हैं और इस प्रकार 24 घंटे सहायता प्रदान करते हैं। आप इन्क्वारी के लिए हमेशा उनकी टीम से संपर्क कर सकते है।
- स्टॉक खरीदने या बेचने के लिए आपको उपस्थित होने की आवश्यकता नहीं है। आप इसे अपने घर में आराम से कर सकते हैं।
- एक ट्रेडिंग एकाउंट के माध्यम से ऑनलाइन ट्रेडिंग आपके दरवाजे पर आती है। सभी ऐप-आधारित ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म यह सुनिश्चित करते हैं कि आप अपनी पसंद के किसी भी डिवाइस के माध्यम से अपने एकाउंट तक पहुंच सकते हैं।
ट्रेडिंग एकाउंट कैसे खोले? | Trading Account Kaise Khole?
How to Open Trading Account in Hindi: अगर आप नियमित रूप से सिक्योरिटीज में निवेश करना चाहते हैं, तो आपको अपने डीमैट एकाउंट के साथ एक Trading Account की जरूरत होगी। भारत में आपको पहचान, पते और आय के प्रमाण की आवश्यकता होगी। उसके बाद, आपको अपनी निवेश आवश्यकताओं के अनुसार ब्रोकर ढूंढना होगा।
आपको एक स्मूथ और यूजर फ्रेंडली इंटरफेस वाला एक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म खोजने की भी जरूरत होगी, ताकि आप इस प्रक्रिया में आसानी कर सकें। इसके बाद आपको डीमैट एकाउंट खोलने के लिए एक फॉर्म भरना होगा और एक KYC फॉर्म भी भरना होगा। आप अपनी सुविधा के अनुसार ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों काम कर सकते हैं।
डेटा वेरिफिकेशन हो जाने के बाद और सभी दस्तावेज़ीकरण प्रक्रियाएं पूरी हो जाने के बाद, आपको अपने ट्रेडिंग एकाउंट के बारे में सभी डिटेल प्राप्त होंगे। उसके समाप्त होने के साथ, आप शेयर मार्केट में ट्रेडिंग करने में सक्षम होंगे।