भारत में इक्विटी में व्यापार कैसे करें

जमा और निकासी

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सीवर का गंदा पानी जमा होने के कारण इलाके में संक्रामक बीमारी फैलने का खतरा उत्पन्न हो गया है. यह समस्या कई वर्षों से बनी हुई है. पानी का जमाव होने से न केवल पुलिया के धंसने का खतरा बना हुआ है, बल्कि पैदल आने जाने वाले लोगों को भी भारी परेशानी हो रही है. सीवर लाइन को तत्काल दुरुस्त करना जरूरी है.

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Nagpur पंचदीपनगर रेलवे पुलिया के टूटने का खतरा! सीवर लाइन के फूटने से हुआ गंदा पानी जमा

नागपुर. रेलवे प्रशासन हादसों से सबक लेने को तैयार नहीं है. सिटी में सोमलवाड़ा से मनीषनगर जाने वाली पंचदीपनगर रेलवे पुलिया के पास सीवर लाइन फूट गया है जिसका गंदा पानी पुलिया के नीचे जमा हो रहा है. स्थानीय निवासियों का कहना है कि यह समस्या करीब 2 साल से बनी हुई है. यह रेलवे अंडरपास अंग्रेजों के जमाने का बना हुआ है.

रेलवे लाइन के जमा और निकासी आसपास पानी को जमा होने से रोकने के लिए इस पुलिया को बनाया गया था लेकिन वर्तमान में इसके नीचे ही पानी जमा हो रहा है. लोगों का कहना है कि आसपास के इलाके ऊंचे हो गए हैं जिसके कारण पुलिया के नीचे से गुजर रही सड़क नीचे हो गई है. ऐसी स्थिति में बारिश के दिनों में यहां पर 3 फुट की ऊंचाई तक पानी जमा हो जाता है जिसके चलते लोग अंडरपास का उपयोग नहीं कर पाते हैं.

हजारों लोग रोजाना आवागमन करते हैं

सोमलवाड़ा को मनीषनगर से जोड़ने वाली जमा और निकासी यह पुलिया बेहद महत्वपूर्ण है. यह प्रभाग क्रमांक-16 के अंतर्गत पंचदीपनगर रेलवे पुलिया के नाम से जाना जाता है. इसके नीचे से करीब 1 इंच मोटी सीवर लाइन गुजर रही है. इस लाइन के फूट जाने से सारा गंदा पानी पुलिया के नीचे जमा हो रहा है. मजबूरी में लोगों को बदबूदार गंदे पानी से होकर गुजरना पड़ रहा है. दरअसल पिछले 1 महीने से सोमलवाड़ा रेलवे फाटक को बंद कर यहां अंडरपास बनाने का कार्य चल रहा है.

ऐसे में इस अंडरपास से हजारों लोग रोजाना आवागमन करते हैं. दैनिक ड्यूटी करने वालों के अलावा स्कूली बच्चे भी यहीं से गुजरते हैं. टूटी-फूटी सड़क होने के कारण लोगों को पहले से परेशानी हो रही थी. अब यहां सीवर का गंदा पानी जमा होने के साथ ट्रैफिक बढ़ जाने से हादसे की संभावना बढ़ गई है. उधर इस मामले में रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी का कहना है कि फिलहाल इस समस्या के बारे में जानकारी नहीं है. संबंधित अधिकारी से बात करने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है.

संक्रामक बीमारी फैलने का खतरा

सीवर का गंदा पानी जमा होने के कारण इलाके में संक्रामक बीमारी फैलने का खतरा उत्पन्न हो गया है. यह समस्या कई वर्षों से बनी हुई है. पानी का जमाव होने से न केवल पुलिया के धंसने का खतरा बना हुआ है, बल्कि पैदल आने जाने वाले लोगों को भी भारी परेशानी हो रही है. सीवर लाइन को तत्काल दुरुस्त जमा और निकासी जमा और निकासी करना जरूरी है.

सीवर लाइन को दुरुस्त करने के लिए एनएमसी के लक्ष्मीनगर जोन के अधिकारियों से शिकायत की गई तो उनका कहना है कि सीवर लाइन को बदलने के लिए खुदाई करनी होगी. पुलिया काफी पुरानी है, जिसके कारण खुदाई के दौरान पत्थरों के टूटने का खतरा है. इस मामले में रेलवे के अधिकारियों को पत्र लिखा गया है. उनसे परमिशन मिलने के बाद ही काम शुरू किया जा सकता है.

ATM Cash withdrawal guideline: SBI ने ATM से कैश निकालने के लिए जारी की नई गाइडलाइंस, पढ़ें पूरी डिटेल

SBI ATM Cash withdrawal guideline: धोखाधड़ी से बचा जा सके, इसलिए ATM से लेनदेन को और अधिक सेफ बनाने की दिशा में देश के शीर्ष ऋणदाता भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने कदम रखा है। एटीएम में अब OTP आधारित नकद निकासी सुविधा शुरू की है। इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए, एसबीआई ग्राहकों को अपना मोबाइल एटीएम तक ले जाना ही पड़ेगा। ऐसा इसलिए क्योंकि नकदी निकालने के लिए ओटीपी ग्राहक के पंजीकृत मोबाइल नंबर पर भेजा जाता है।

एसबीआई ग्राहक हर बार अपने डेबिट कार्ड पिन के साथ अपने पंजीकृत मोबाइल नंबर पर भेजे गए ओटीपी को दर्ज करके अपने एटीएम से 10,000 रुपये और उससे अधिक की नकद राशि निकालने के लिए इस सुविधा का उपयोग कर सकते हैं। यह सुविधा 1 जनवरी 2020 से सक्रिय है।

SBI ने 26 दिसंबर, 2019 को ट्विटर पर घोषणा की थी कि यह सुविधा 1 जनवरी, 2020 से सभी SBI एटीएम में लागू होगी। कहा गया था, ‘एटीएम पर अनधिकृत लेनदेन से आपको बचाने में मदद करने के लिए ओटीपी-आधारित नकद निकासी प्रणाली को लेकर आया गया है। यह नई सुरक्षा प्रणाली 1 जनवरी, 2020 से सभी एसबीआई एटीएम पर लागू होगी।’

यह है पूरा प्रोसेस

इसके लिए आपको एक ओटीपी की जरूरत होगी, जिसके बिना आप कैश नहीं निकाल पाएंगे।

  • आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी भेजा जाएगा।
  • यह ओटीपी चार अंकों का नंबर होगा जो ग्राहक को एक ट्रांजैक्शन के लिए मिलेगा।
  • एक बार जब आप वह निकालने के लिए राशि दर्ज कर लेते हैं तो आपको एटीएम स्क्रीन पर ओटीपी दर्ज करने के लिए कहा जाएगा।
  • नकद निकासी के लिए आपको इस स्क्रीन में बैंक में पंजीकृत मोबाइल नंबर पर प्राप्त ओटीपी दर्ज करना होगा।

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SBI ATM Cash withdrawal guideline: धोखाधड़ी से बचा जा सके, इसलिए ATM से लेनदेन को और अधिक सेफ बनाने की दिशा में देश के शीर्ष ऋणदाता भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने कदम रखा है। एटीएम में अब OTP आधारित नकद निकासी सुविधा शुरू की है। इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए, एसबीआई ग्राहकों को अपना मोबाइल एटीएम तक ले जाना ही पड़ेगा। ऐसा इसलिए क्योंकि नकदी निकालने जमा और निकासी के लिए ओटीपी ग्राहक के पंजीकृत मोबाइल नंबर पर भेजा जाता है।

एसबीआई ग्राहक हर बार अपने डेबिट कार्ड पिन के साथ अपने पंजीकृत मोबाइल नंबर पर भेजे गए ओटीपी को दर्ज करके अपने एटीएम से 10,000 रुपये और उससे अधिक की नकद राशि निकालने के लिए इस सुविधा का उपयोग कर सकते हैं। यह सुविधा 1 जनवरी 2020 से सक्रिय है।

SBI ने 26 दिसंबर, 2019 को ट्विटर पर घोषणा की थी कि यह सुविधा 1 जनवरी, 2020 से सभी SBI एटीएम में लागू होगी। कहा गया था, ‘एटीएम पर जमा और निकासी अनधिकृत लेनदेन से आपको बचाने में मदद करने के लिए ओटीपी-आधारित नकद निकासी प्रणाली को लेकर आया गया है। यह नई सुरक्षा प्रणाली 1 जनवरी, 2020 से सभी एसबीआई एटीएम पर लागू होगी।’

यह है पूरा प्रोसेस

इसके लिए आपको एक ओटीपी की जरूरत होगी, जिसके बिना आप कैश नहीं निकाल पाएंगे।

  • आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी भेजा जाएगा।
  • यह ओटीपी चार अंकों का नंबर होगा जो ग्राहक को एक ट्रांजैक्शन के लिए मिलेगा।
  • एक बार जब आप वह निकालने के लिए राशि दर्ज कर लेते हैं तो आपको एटीएम जमा और निकासी स्क्रीन पर ओटीपी दर्ज करने के लिए कहा जाएगा।
  • नकद निकासी के लिए आपको इस स्क्रीन में बैंक जमा और निकासी में पंजीकृत मोबाइल नंबर पर प्राप्त ओटीपी दर्ज करना होगा।

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Nagpur पंचदीपनगर रेलवे पुलिया के टूटने का खतरा! सीवर लाइन के जमा और निकासी फूटने से हुआ गंदा पानी जमा

नागपुर. रेलवे प्रशासन हादसों से सबक लेने को तैयार नहीं है. सिटी में सोमलवाड़ा से मनीषनगर जाने वाली पंचदीपनगर रेलवे पुलिया के पास सीवर लाइन फूट गया है जिसका गंदा पानी पुलिया के नीचे जमा हो रहा है. स्थानीय निवासियों का कहना है कि यह समस्या करीब 2 साल से बनी हुई है. यह रेलवे अंडरपास अंग्रेजों के जमाने का बना हुआ है.

रेलवे लाइन के आसपास पानी को जमा होने से रोकने के लिए इस पुलिया को बनाया गया था लेकिन वर्तमान में इसके नीचे ही पानी जमा हो रहा है. लोगों का कहना है कि आसपास के इलाके ऊंचे हो गए हैं जिसके कारण पुलिया के नीचे से गुजर रही सड़क नीचे हो गई है. ऐसी स्थिति में बारिश के दिनों में यहां पर 3 फुट की ऊंचाई तक पानी जमा हो जाता है जिसके चलते लोग अंडरपास का उपयोग नहीं कर पाते हैं.

हजारों लोग रोजाना आवागमन करते हैं

सोमलवाड़ा को मनीषनगर से जोड़ने वाली यह पुलिया बेहद महत्वपूर्ण है. यह प्रभाग क्रमांक-16 के अंतर्गत पंचदीपनगर रेलवे पुलिया के नाम से जाना जाता है. इसके नीचे से करीब 1 इंच मोटी सीवर लाइन गुजर रही है. इस लाइन के फूट जाने से सारा गंदा पानी पुलिया के नीचे जमा हो रहा है. मजबूरी में लोगों को बदबूदार गंदे पानी से होकर गुजरना पड़ रहा है. दरअसल पिछले 1 महीने से सोमलवाड़ा रेलवे फाटक को बंद कर यहां अंडरपास बनाने का कार्य चल रहा है.

ऐसे में इस अंडरपास से हजारों लोग रोजाना आवागमन करते हैं. दैनिक ड्यूटी करने वालों के अलावा स्कूली बच्चे भी यहीं से गुजरते हैं. टूटी-फूटी सड़क होने के कारण लोगों को पहले से परेशानी हो रही थी. अब यहां सीवर का गंदा पानी जमा होने के साथ ट्रैफिक बढ़ जाने से हादसे की संभावना बढ़ गई है. उधर इस मामले में रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी का कहना है कि फिलहाल इस समस्या के बारे में जानकारी नहीं है. संबंधित अधिकारी से बात करने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है.

संक्रामक बीमारी फैलने का खतरा

सीवर का गंदा पानी जमा होने के कारण इलाके में संक्रामक बीमारी फैलने का खतरा उत्पन्न हो गया है. यह समस्या कई वर्षों से बनी हुई है. पानी का जमाव होने से न केवल पुलिया के धंसने का खतरा बना हुआ है, बल्कि पैदल आने जाने वाले लोगों को भी भारी परेशानी हो रही है. सीवर लाइन को तत्काल दुरुस्त करना जरूरी है.

सीवर लाइन को दुरुस्त करने के लिए एनएमसी के लक्ष्मीनगर जोन के अधिकारियों से शिकायत की गई तो उनका कहना है कि सीवर लाइन को बदलने के लिए खुदाई करनी होगी. पुलिया काफी पुरानी है, जिसके कारण खुदाई के दौरान पत्थरों के टूटने का खतरा है. इस मामले में रेलवे के अधिकारियों को पत्र लिखा गया है. उनसे परमिशन मिलने के बाद ही काम शुरू किया जा सकता है.

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